प्रयागराज । कोविड-19 संकट के दौरान समाज के कमजोर वर्गों के लोगों की मदद करने के क्रम में उत्तर मध्य रेलवे में दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, पोर्टरों आदि की सहायता के लिए किए गए विविध प्रयास। अपने दायित्वों के निर्वहन करने के साथ ही, उत्तर मध्य रेलवे इस राष्ट्रीय संकट के समय में अपने सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन करने में अग्रणी रही है और इस कठिन समय में कमज़ोर वर्गों के लोगों की सहायता के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। इस संबंध में उत्तर मध्य रेलवे द्वारा किए गए कुछ उल्लेखनीय प्रयास किए गए:
·         रेलवे बोर्ड ने प्रधानमंत्री के नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति निधि (पीएम केयर) में प्रत्येक रेल कर्मचारी द्वारा एक दिन के वेतन के स्वैच्छिक योगदान के लिए अपने अधिकार क्षेत्र में सभी ज़ोन और अन्य इकाइयों को बोला था। इसके क्रम में, उत्तर मध्य रेलवे ने पीएम केयर्स फंड में रुपये 7.32 करोड़ का योगदान दिया।
·         उत्तर मध्य रेलवे के कर्मचारियों ने कोविड -19 के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों को स्वेच्छा से गर्म और पैक्ड भोजन और पानी प्रदान करके रेल की सामाजिक सेवा की प्रतिबद्धता को बनाए रखते हुए अथक प्रयास किया। उत्तर मध्य रेलवे के आरपीएफ, स्काउट्स एंड गाइड, आईआरसीटीसी बेस किचन और सभी विभागों के कर्मचारियों के कई व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों के द्वारा तैयार भोजन प्रदान किया गया। इन प्रयासों से लॉकडाउन के दौरान उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज, झांसी और आगरा मंडलों मे क्रमश: 28116, 3865 और 63797 लोगों लगभग 1 लाख भोजन प्रदान किए गए।
·         पीएम केयर्स में योगदान के अलावा, जरूरतमंद व्यक्तियों, दैनिक वेतन भोगी, कुली, संविदा कर्मचारियों आदि को भोजन, राशन आदि के उपरोक्त प्रयास को बनाए रखने के लिए मुख्यालय और मंडल स्तर पर स्वैच्छिक कोविड -19 फंड भी स्थापित किए गए थे। मंडलो के प्रयासों में सहयोग देने के लिए मुख्यालय कोविड -19 कोष से प्रयागराज मंडल को रु 1.5 लाख और झांसी और आगरा मंडल प्रत्येक को रु. 75000 का योगदान दिया गया।
·         प्रयागराज डिवीजन द्वारा स्वैच्छिक कोविड-19 फंडों के माध्यम से 227 राशन किट जरूरतमंद व्यक्तियों को, 155 किट पोर्टरों को और 70 किट अन्य रेल कर्मचारियों को प्रदान किए गये। इसी तरह के प्रयास आगरा और झांसी डिवीजनों द्वारा भी किए गए थे।
 
·         लॉकडाउन के दौरान यात्री सेवाओं के निलंबन के कारण, पोर्टर रोजगार रहित हो गए थे। उनको भोजन और राशन प्रदान कर सीधे मदद करने के साथ ही उत्तर मध्य रेलवे ने उनको उत्तर प्रदेश सरकार से मिलने वाली 1000 रुपये की सहायता के लिए सहयोग करते हुए राज्य अधिकारियों को उनके विवरण, खाता संख्या आदि को संकलित कर प्रदान करने की व्यवस्था की गई। इस प्रयास के फलस्वरूप प्रयागराज जंक्शन, कानपुर, टूंडला, इटावा, खुर्जा, फफूंद, आगरा कैंट, मथुरा, आगरा फोर्ट, झाँसी, उरई, ललितपुर और बाँदा स्टेशनों के लगभग 750 पोर्टरों के लिए इस सहायता राशि को उनके बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया गया।
·         उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर फंसे लगभग 750 कॉन्ट्रैक्ट मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान भोजन, राशन आदि प्रदान किया गया।
·         लॉकडाउन के दौरान प्रयागराज और कानपुर में 870 रेल परिवारों को आवश्यक किराने और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की डोर-टू-डोर आपूर्ति करने के क्रम में, एक परिवार हेतु एक सप्ताह के लिए पर्याप्त एक किट जिसमें आटा, चावल- दालें, चीनी, नमक, रिफाइंड तेल, मसाले, साबुन, बिस्कुट, नमकीन आदि शामिल थी, मात्र रुपये 650 राशि की दर पर आपूर्ति की गई।