अब जल व पर्यावरण पर भी पत्रकारिता आवश्यक : पद्मश्री उमाशंकर पांडेय

नारद जयंती के अवसर पर आयोजित हुई संगोष्ठी

झांसी। पत्रकारिता के क्षेत्र में विश्वसनीयता कम हो रही है और विश्वास के बिना समाज, देश, दुनिया का चलना संभव नहीं है। श्रृद्धा जगाने का काम प्रोफेशन वाला नहीं कर सकता। पत्रकारिता एक मिशन हुआ करता था, जो कि अब प्रोफेशन बन गया है। यह विचार देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष जी ने व्यक्त किए। वहीं मुख्य अतिथि पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने कहा कि जल है तो कल है। अब जल और पर्यावरण पर भी पत्रकारिता आवश्यक है।

महर्षि नारद जयंती समारोह समिति के तत्वावधान में वर्तमान परिदृश्य और मीडिया की भूमिका विषय पर  बुन्देलखण्ड महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता सुभाष जी ने कहा कि समाज को जगाने का काम पत्रकारिता का है। पत्रकारों से एक योद्धा, एक सैनिक के समान निडर और निर्भीक और होकर काम करने का आव्हान करते हुए कहा कि वह मार्ग में अपेक्षा, उपेक्षा और विरोध के बीच आगे बढ़ता है और अमरता के लिए मृत्यु से भी लड़ सकता है। उन्होंने समाज हित में पत्रकारिता करने की अपील करते हुए कहा कि सच्चाई को सकारात्मक तरीके से पेश किया जाए। उन्होंने ज्ञान व जिज्ञासा को पत्रकारिता का मूल मंत्र बताते हुए कहा कि संवाद अत्यंत महत्वपूर्ण है। सत्यनारायण कथा का श्रेय महर्षि नारद जी को है। सार्थक संवाद से शिक्षा प्राप्त होती है, वहीं संवाद बिगड़ने का परिणाम भयानक होता है। उन्होंने संवेदना को सार्थक संवाद का आधार बताया। आज के समय में कहीं नारद जी छवि को ग़लत तरीके से भी प्रस्तुत  कर दिया जाता है, जबकि नारद जी कोमल ह्रदय है, संवेदनशील है। पत्रकारिता में संवेदनशीलता और विश्वसनीयता होनी चाहिए। तथ्यात्मक रूप से पत्रकारिता एकांकी न हो दोनों पक्षों से संवाद होना चाहिए। भागवत पुराण का उदाहरण देते हुए कहा कि श्रेय लेने वाला नहीं श्रेयस्कर और स्पर्धा नहीं समन्वय होना चाहिए।जिसके लिए महर्षि नारद जी से शिक्षा और प्रेरणा लेकर पत्रकारिता करें। युवाओं से भारत को विश्व गुरु बनाने तथा प्राचीन सूत्रों के माध्यम से पत्रकारिता में योगदान देने का भी आव्हान किया।

प्रारम्भ में अतिथियों द्वारा मां सरस्वती एवं महर्षि नारद के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित किया। पत्रकार सरिता सोनी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।एडीजीसी रवि गोस्वामी ने एकल गीत प्रस्तुत कर देशभक्ति की भावना का संचार किया।

मुख्य अतिथि जल पुरुष,जल योद्धा के रूप में ख्याति प्राप्त पद्म श्री से सम्मानित उमाशंकर पांडेय ने मीडिया की भूमिका को गंभीर बताते हुए कहा कि पत्रकार को विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष करना पड़ता है, सच्चाई को सामने रख पाना आसान नहीं है। पूरी दुनिया में जल संकट बढ़ता जा रहा है ,हम पानी बना तो नहीं सकते, लेकिन बचा तो सकते हैं। कई ऐसे स्थान हैं जहां पानी समाप्त होता जा रहा है। कहा कि सूखा बुन्देलखण्ड आज उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा धान निर्यातक है। झांसी, अतर्रा, बांदा से राइस मिल का धान विदेश भेजा जा रहा है। पानी का महत्व समझाते हुए कहा कि पानी बचाना है तो पेड़ लगाना है।
पानी की बर्बादी पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि पानी बोतलों में बेचा जा रहा है जो कि गंभीर चिंता का विषय है।जिसके लिए जन-जागरूकता जरूरी है। पानी के लिए तीसरे विश्व युद्ध की आंशका जताते हुए कहा कि पत्रकारों समेत विशेष रूप से समस्त युवा पीढ़ी को अपनी जिम्मेदारी उठानी होगी।

अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ पत्रकार वाई के शर्मा व राम कुमार साहू ने किया। वहीं पॉलीग्राफ के संपादक ए के श्रीवास्तव व वरिष्ठ पत्रकार दीपक चंदेल ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये। कार्यक्रम का संचालन महेश पटैरिया व आभार महानगर प्रचार प्रमुख डॉ.जितेन्द्र मिश्रा ने व्यक्त किया।

कार्यक्रम में एमएलसी रमा आरपी निरंजन, भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री रामनरेश तिवारी, बीएमएस के विभाग प्रमुख सीके चतुर्वेदी, जिला संगठन मंत्री राजेश ठकुरानी, समाजसेवी मैथली शरण मुदगिल, अमित चिरवारिया, राघव वर्मा, पार्षद लखन कुशवाहा, पार्षद प्रवीण लखेरा, पार्षद मंगल श्रीवास्तव, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संजय देव शर्मा, केशवेन्द्र प्रताप सिंह, समाजसेवी अशोक अग्रवाल काका, अंजू गुप्ता, सोनिया पांडेय, मुकेश वर्मा, शेख आजाद, रोहित झा, योगेश पटैरिया, वैभव सिंह, दीपक त्रिपाठी, रानू साहू, बबलू रमैया, हेमंत गुप्ता, दीपक जौहरी, प्रभात सक्सेना, शहजाद, मुदित चिरवारिया, शुभम, मुकेश तिवारी, अनिरुद्ध, वासुदेव, वयम, मानव, आरके दुबे आदि स्वयंसेवक व पत्रकार साथी उपस्थित रहे।