इरेफ़ ने मनाया देश भर में एंटी प्राइवेटाइजेशन डे

एन सी आर डब्ल्यू यू ने ढोल नगाड़ों के साथ चलाया जागरूकता अभियान

झांसी। इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन के आवाहन पर जागो और जगाओ ,रेल बचाओ देश बचाओ एंटी प्राइवेटाइजेशन डे के तहत देश भर में रेलवे कर्मचारियों ने सभी जोन, डिवीजन और उत्पादन इकाइयों ,रेलवे स्टेशन, वर्कशॉप इत्यादि के कार्यायल पर शांतिपूर्ण तरीके से लोकतांत्रिक तरीके से शारीरिक दूरी बनाकर जुलूस निकाल कर, डोल नगाड़े बजाकर रेलवे कर्मचारियों को जागरूक किया *एंटी प्राइवेटाइजेशन डे* मनाया गया ।

नॉर्थ सेट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन केंद्रीय महामंत्री व इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉमरेड मनोज पाण्डेय ने कहा एन सी आर जोन के तीनों डिविजन सहित देश भर में कार्यक्रम हुआ,उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार जब दुबारा सत्ता में आई है तो उसने 18 अक्टूबर 2019 को 100 डे एक्शन प्लान के तहत रेलवे की उत्पादन इकाई का निगमीकरण, रेलवे कॉलोनी, रेलवे स्टेशन,रेलवे अस्पताल, ,रेलवे की जमीन को निजी हाथों देने की शुरुआत की, जिसका विरोध हम लोगों ने डी एल डब्ल्यू वाराणसी से ही संयुक्त संघर्ष समिति बनाकर की जहां से संसद सदस्य हैं हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हैं, हम लोगो ने IREF इरेफ़ के बैनर तले सभी उत्पादन इकाई की संघर्ष समिति के साथ रेलवे के सभी मान्यता प्राप्त, ग़ैर मान्यता प्राप्त यूनियनों सहित लभगग सभी कैटोरिगकल संघठनो के साथ रेलवे आंदोलन के पचास साल के इतिहास में पहली बार मावलंकर हॉल, नई दिल्ली में 8 दिसम्बर 2019 को संयुक्त कन्वेंशन करके राष्ट्रीय स्तर पर रेलवे उत्पादन इकाईयो की संयुक्त संघर्ष समिति बनाया और संघर्ष को तेज किया जिसके दबाव के चलते सरकार को 100डे एक्शन प्लान लागू करने से पीछे हटना पड़ा, लेकिन कोरोना संकट के समय जब पूरी देश दुनिया महमामरी से जूझ रही हैं, उस वक़्त देश की जनता व रेलवे कर्मचारियों को धोखा देकर सरकार रेलवे को बेचने की शुरुआत कर दी हैं,वैसे तो यह सरकार जब रेलवे बजट को आम बजट से अलग की थीं, तभी यह स्प्ष्ट हो गया था कि सरकार जनता की सवारी रेलवे को पूंजीपतियों को सौप देना चाहती हैं,हम लोगों ने केंद्रीय श्रम संघठनो के साथ हर संघर्ष में चाहे वो 22 मई हो या 3 जुलाई या फिर 9 अगस्त 2020 हो सब में पूरी ताकत के साथ भागीदारी किया । जिसके कारण हमारे कई केंद्रीय नेताओं पर एफआईआर भी दर्ज किया गया लेकिन हम लोग शुरू से ही समझौता परस्त आंदोलन के बजाए बतौर वैकल्पिक क्रांतिकारी फेडरेशन कि भूमिका निभाते हुए आंदोलन में विश्वास करते हुए संघर्ष जारी रखे हुए हैं, हम इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन की तरफ़ से लगातार स्वतंत्र पहलकदमी लेकर आंदोलन कर रहे है अभी 19 जून से 26 जून विरोध सप्ताह अभियान चलाया, आज भी पूरे भारतीय रेलवे के बीच सिर्फ़ IREF इरेफ़ ही देश व्यापी *एंटी प्राइवेटाइजेशन डे * मना रही हैं। रेलवे में तथाकथित मान्यता फेडरेशन जब सत्ता के साथ समझौता करके रेल कर्मचारी सहित देश की जनता के साथ ग़द्दारी कर रही हैं, हम नौकरी की झिन जाने की परवाह किये बगैर, जेल जाने की परवाह किये बगैर, रेलवे कर्मचारियों के किसान छात्र, नौजवान के साथ एकता बनाकर रेलवे कर्मचारियों के हित में देश में लगातार संघर्ष कर रहे हैं,

इरेफ़ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ कमल उसरी ने कहा *एंटी प्राइवेटाइजेशन डे* पूरे देश भर में मनाया गया है आज सुबह से आर सी एफ कपूरथला में इरेफ़ के राष्ट्रीय महासचिव कॉम सर्वजीत सिंह के नेतृत्व में,मॉडर्न रेलवे कोच फैक्टरी पटियाला में कॉमरेड जुमेरदीन,
राय बरेली उत्पादन इकाई में कॉम हरिकेष, डी एल डब्ल्यू वाराणसी में कॉम राजेंद्र पाल,चितरंजन में कॉमरेड किशानु भट्टाचार्या, नार्थ सेंट्रल रेलवे में इरेफ़ राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉमरेड मनोज पाण्डेय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कॉमरेड डॉ कमल उसरी, नॉर्थ सेंट्रल वर्कर्स यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष कॉमरेड एस पी एस यादव, केंद्रीय सहायक महामंत्री कॉमरेड सैय्यद इरफात अली, रुकमा नंद पाण्डेय, नार्दर्न रेलवे में नई दिल्ली में मनीश हरीनन्दन, अम्बाला में कॉम नर सिंह कुमार, लखनऊ कॉमरेड अखिलेश यादव,जितेंद पाल, मुगलसराय में संतोष पासवान, पटना में जितेंद्र कुमार, भुवनेश्वर में कॉमरेड महेंद्र परिदा, जयपुर में उम्मेद सिंह, कटनी में पुष्पेंद्र त्रिपाठी, रायपुर ने तरकेशर नाथ, धनबाद में कॉमरेड एस पी एस साहू, रेनुकूट, कर्मनाशा इत्यादि जगह कार्यक्रम हुआ।