उत्तर मध्य रेलवे ने पुनः प्रारम्भ की “नो बिल नो पेमेंट” की मुहीम

झांसी। भारतीय रेलवे ने सभी खानपान और वेंडिंग स्टालों को निर्देशित करते हुए बहुत ही महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्टेशनों पर स्थित स्टालों एवं ट्रेनों में आन बोर्ड कैटरिंग से खरीदे गए भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं का बिल ग्राहकों को अनिवार्य रूप से दिया जाए। रेलवे प्रणाली पर काम करने वाले सभी विक्रेताओं को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे कि “नो बिल नो पेमेंट” अभियान, वस्तुओं की दर सूची इत्यादि को बिना किसी विफलता के प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाये एवं इसका अनुपालन सुनश्चित किया जाए। कई यात्री जागरूकता अभियान भी चलाये किए गए, जिसमें यात्रियों को बिल लेने के लिए अनुरोध किया गया था, और स्टेशनों के साथ-साथ ट्रेनों में विक्रेता द्वारा बिल नहीं दिये जाने की स्थिति में भोजन, सामान और सेवाओं को मुफ़्त समझे जाने का आग्रह किया गया था।

कोविड -19 स्थिति के दृष्टिगत, रेलयात्रियों की आवश्यक यात्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे 230 विशेष रेलगाड़ियों का संचालन कर रहा है, और इनमें से उत्तर मध्य रेलवे द्वारा 126 रेलगाड़ियाँ, जिनमें 02 जोड़ी प्रारम्भिक गाड़ियाँ शामिल हैं, का संचालन किया जा रहा है। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये, कोविड -19 संबंधित सभी सावधानियों के साथ उत्तर मध्य रेलवे के स्टेशनों पर खानपान और वेंडिंग स्टॉलों को दिनांक 01/06/2020 से संचालित करने की अनुमति दी गई।
उत्तर मध्य रेलवे अपने मूल्यवान ग्राहकों के लिए गुणवत्तापूर्ण भोजन, आवश्यक वस्तुओं और अन्य सेवाओं को सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता के रूप में, ” यदि विक्रेता द्वारा बेची गई वस्तुओं और सेवाओं का बिल उपलब्ध नही कराया जाता है तो ग्राहक द्वारा कोई भुगतान नहीं किया जायेगा,” इस महत्वपूर्ण नीति को दोहराते हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि यदि वेंडर उक्त नीति के अनुपालन नही करता है तो इसकी शिकायत उपलब्ध शिकायत पुस्तिका, रेल मदद पोर्टल या राष्ट्रीय रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 और 138 पर अवश्य करें। उत्तर मध्य रेलवे की इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य अपने बहुमूल्य यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की उचित मूल्य पर उपलब्धता को सुनिश्चित करना है।