झांसी।  पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के विकास व विस्तार तथा इसे निजीकरण से दूर रखे जाने सहित ललितपुर में कृषि महाविद्यालय की स्थापना किए जाने तथा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के प्रत्येक ब्लॉक का नामकरण बुंदेलखंड की विभूतियों के नाम पर किए जाने की मांग की। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि यूपीए द्वितीय के शासनकाल में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की इच्छा व पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री शरद पवार के आश्वासन एवं बुंदेलखंड की जनता के प्यार और ताकत के बल पर उनके द्वारा बुंदेलखंड क्षेत्र की आर्थिक दशा एवं किसानों की पीड़ा को देखते हुए झांसी में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भागीरथी प्रयास किए जोकि वर्ष 2014 में सफल हुए और रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को स्वीकृति प्राप्त हुई। तदोपरांत 26 फरवरी 2014 को तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार द्वारा इसका शिलान्यास किया गया था। इसके साथ ही बुंदेलखंड के जनपद ललितपुर में भी कृषि महाविद्यालय की स्थापना की योजना थी। इन सब का उद्देश्य बुंदेलखंड में कृषि के लिए नवीन प्रौद्योगिकी को विकसित करके यहां के छात्र छात्राओं को कृषि शोध व अनुसंधान के लिए प्रशिक्षित करना था, ताकि वह देश के विकास में अपना योगदान कर सकें परंतु दुर्भाग्य है कि कृषि विश्वविद्यालय के विकास और विस्तार की ओर समुचित ध्यान नहीं दिया गया है। अब तो छात्र छात्राओं को यह भी आशंका होने लगी है कि उन्हें जो सुविधाएं मिलना चाहिए थी वह कहीं निजी करण की भेंट न चढ़ जाएं।

पत्र में यह भी कहा गया है कि 29 अगस्त 2020 को झाँसी में स्थापित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय विश्वविद्यालय का वर्चुअल उद्घाटन आपके कर कमलों से होने जा रहा है। 29 अगस्त हॉकी जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्म दिन है जो कि खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे द्वारा मेजर ध्यानचंद को मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने की मांग को लेकर लगभग 200 सांसदों से हस्ताक्षर कराकर केंद्र सरकार के समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था। लेकिन यूपीए सरकार का कार्यकाल कम/ समाप्त होने के कारण इस पर निर्णय नहीं हो सका। इसके पश्चात वर्ष 2014 से केंद्र में भाजपा की सरकार है और अभी तक मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिए जाने की दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया है। मैं बुंदेलखंड की जनता की ओर से मांग करता हूं कि कृषि विश्वविद्यालय के एक ब्लॉक का नामकरण दद्दा ध्यानचंद के नाम से कर कर हॉकी को सम्मान दिया जाए। इसी तरह ललितपुर में प्रस्तावित कृषि महाविद्यालय की स्थापना करा कर इसका नामकरण वीरांगना झलकारी बाई के नाम पर किया जाए।