झांसी। राजस्थान पत्रकार संगठन के जिलाध्यक्ष की हुई लापरवाही से मौत के प्रकरण में दोषी अस्पताल प्रबन्धन के खिलाफ कार्यवाही व परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया। जिलाधिकारी को झांसी मीडिया क्लब के तत्वावधान में दिए गए ज्ञापन में बताया कि कि देश में फैली महामारी में चिकित्सा प्रशासन पुलिस और पत्रकार को योद्धा के रूप में माना गया है। सरकारों ने चिकित्सा व पुलिस विभाग को इस महामारी से लडने के लिए सुविधाए भी उपलब्ध कराई लेकिन सुविधा विहीन पत्रकार अपने घर परिवार और खुद की जिंदगी दांव पर लगाकर लगातार जनता और सरकार के बीच सेतु बनकर इस महामारी से लड़ रहा है। इस महामारी में उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान दिल्ली सहित कई प्रदेशों में पत्रकारों की मौत भी हो चुकी। लेकिन आज तक सरकारों ने उनके परिजनों की ओर ध्यान नहीं दिया।
राजस्थान के अजमेर जिले के नसीराबाद में पंजाब केसरी के वरिष्ठ पत्रकार व राजस्थान जर्नलिस्ट ऑफ राजस्थान जार संगठन के जिलाध्यक्ष अतुल सेठी की शनिवार कि रात अचानक तबियत बिगड़ गई। जिन्हें उपचार के लिए नसीराबाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां अस्पताल में ऑक्सीजन न मिलने पर उनकी देर रात मौत हो गई। इस प्रकरण में लापरवाह अस्पताल प्रबन्धन पर गहलोत सरकार द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई और न ही उनके परिजनों को कोई आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई। झांसी मीडिया क्लब ने ज्ञापन के माध्यम से मांग कि है कि लापरवाही करने वाले अस्पताल प्रबन्धन के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए साथ ही मृतक पत्रकार के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। इस दौरान अध्यक्ष मुकेश वर्मा,
वरिष्ठ पत्रकार रामकुमार साहू, राहुल कोष्ठा, विक्रम पटेल, मनोज दुबे, रानू साहू, इमरान खान, सुल्तान आब्दी, रवि साहू, पत्रकार कल्याण समिति के मंडल अध्यक्ष अशोक शर्मा एडवोकेट आदि मौजूद रहे।