बैनामा भी हो गया सरकारी महकमों को पता ही नहीं चला

झांसी। भू माफियाओं द्वारा किस तरह से पुरातत्व सहित अन्य सरकारी विभागों व नगर निगम आदि की जमीनों को बेचा जा रहा है उसका एक उदाहरण ऐसा प्रकाश में आया है कि उससे लोग आश्चर्यचकित रह गए हैं। होटल कारोबारी ने अपने साथियों से मिल कर प्राचीन झरना गेट के समीप की पुरातत्व विभाग की जमीन को जालसाजी से अपना बताकर स्पेयर पार्टस कारोबारी को 14 लाख रुपए में बेच दिया। इतना ही नहीं जमीन का बैनामा भी कर दिया गया और सरकारी महकमों को पता तक नहीं चल पाया !

झांसी जिले के शहर कोतवाली अन्तर्गत बड़ागांव गेट अंदर निवासी प्रशांत जैन स्पेयर पार्टस कारोबारी है। कुछ दिनों पहले उसकी मुलाकात होटल कारोबारी सिविल लाइंस निवासी अंशु छाबड़ा पुत्र रामजी छाबड़ा से हुई थी। प्रशांत को शहर के भीतर ही गोदाम के लिए जमीन की जरूरत थी। अंशु ने प्रशांत को जमीन दिलाने का वायदा किया। अंशु ने उसे झरना गेट के पास खाली पड़ी जमीन को अपनी बताते हुए फर्जी कागज दिखाए। इसके लिए उसने वांछित जमीन का सौदा तेरह लाख रुपये में कर रकम अंशु को दे दी। लगभग एक लाख रुपया बैनामा आदि पर खर्च हो गए। सौदे के बाद जब उसने कागज की जांच पड़ताल कराई तब यह जमीन पुरातत्व विभाग की निकली।

यह देखकर प्रशांत के होश उड़ गए। उसने तुरंत अंशु छाबड़ा से बात करके पैसा वापस करने को कहा लेकिन, पैसा वापस नहीं किए गए। इसके बाद प्रशांत ने अंशु एवं सुदामा प्रसाद यादव के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में तहरीर दी। नवाबाद पुलिस ने तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है। नवाबाद इंस्पेक्टर के मुताबिक मामले की पड़ताल कराई जा रही है।