झांसी। बबूल के पेड़ काटने को लेकर हुए विवाद में हत्या का दोष सिद्ध होने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, ज़फ़ीर अहमद की अदालत में अभियुक्त पिता व दो पुत्रों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है।

जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रवि गोस्वामी के अनुसार इटायल निवासी वादिया अर्चना ने थाना लहचूरा में लिखित तहरीर देते हुए बताया था कि १३ नवम्बर २०१८ को सुबह मेरे पति,गोविन्द पुत्र परमानन्द के साथ मजदूरी के लिये जा रहे थे। जिसका एक दिन पूर्व बबूल के पेड़ को काटने को लेकर विवाद हुआ था। उन्होंने मेरे तीनों बबूल के पेड़ काट लिये थे। इसी को लेकर टिंकू उर्फ बृज बिहारी पुत्र लाल दास, राकेश पुत्र लाल दास एवं लाल दास पुत्र अच्छेलाल जाति अहिरवार बुराई मानते थे। रास्ते में तिराहे पर तीनों लोगों ने कुल्हाड़ी से हमला करके मेरे पति कमलेश पुत्र सीताराम को मार दिया। पति की चिल्लाने की आवाज सुनकर, मैं दौड़कर आयी मेरे चिल्लाने पर गांव के लोग आ गये तो तीनों हमलावर मौके से भाग गये।

उक्त तहरीर के आधार पर धारा ३०२ भा०द०सं० में मुकदमा पंजीकृत किया गया। विवेचना उपरान्त अभियुक्त टिंकू उर्फ बृजबिहारी के विरूद्ध धारा-३०२ भा०द०सं० तथा अभियुक्तगण लाल दास एवं राकेश के विरूद्ध धारा १२०बी भा.द.स. के अन्तर्गत आरोप पत्र न्यायालय में विचारण हेतु प्रेषित किया गया।प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर न्यायालय में सिद्ध दोष टिंकू उर्फ बृजबिहारी पुत्र लाल दास , लाल दास पुत्र अच्छेलाल अहिरवार ,राकेश पुत्र लाल दास निवासी इटायल को भा०दं०सं० की धारा-३०२ सपठित धारा ३४ के आरोप के अन्तर्गत प्रत्येक को आजीवन कारावास एवं तीस-तीस हजार रूपये के अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर दो-दो वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गई।‌