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झांसी। निजामुद्दीन से चल कर यशवंत पुर जा रही दुरंतो एक्सप्रेस के एसी थर्ड कोच में लावारिस तीन गत्ता के डिब्बों से विशेष नस्ल के आधा दर्जन खरगोश निकले। इन खरगोश को चोरी छिपे कौन ले जा रहा था पता नहीं चला है।

दरअसल, 12286 हजरत निजामुद्दीन यशवंतपुर दुरंतो एक्सप्रेस निजामुद्दीन से चलकर यशवंपुर जा रही थी। इसी ट्रेन के कोच बी1 में ट्रेन एस्कॉर्ट में मुख्य आरक्षी उपेंद्र यादव ने तीन लावारिस गत्ता के डिब्बे देखे। जांच पड़ताल करने पर डिब्बों से अजीब सी आवाजें सुन कर जब देखा गया तो उनके अंदर खरगोश दिखाई दिए। डिब्बों के मालिक की तलाश की गई, किंतु कोई सामने नहीं आया। इस पर मुख्य आरक्षी ने मंडल सुरक्षा नियंत्रण कक्ष झांसी को सूचना दी कि बी1 कोच में तीन लावारिस गत्ता के डिब्बे रखे हैं, इनके अंदर खरगोश हैं।

इस सूचना पर रेल सुरक्षा बल स्टेशन पोस्ट प्रभारी रविन्द्र कुमार कौशिक, क्राइम विंग निरीक्षक शिप्रा के निर्देशन में उप निरीक्षक जितेंद्र सिंह यादव व क्राईम विंग से सहायक उप निरीक्षक नवीन कुमार मय स्टाफ के साथ वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंच गए। यहां जैसे ही गाड़ी आई उन्होंने कोच को अटेंड किया। इसके बाद उक्त कोच में डिब्बों में रखे छह खरगोशों को ट्रेन से सुरक्षित उतरवाकर थाना पर लाया गया। यह खरगोश विशेष नस्ल के थे।

आरपीएफ पोस्ट से खरगोश बरामदगी की सूचना वन विभाग को दी गई। इस पर वनरक्षक मनोज श्रीवास ने आरपीएफ पोस्ट पहुंच कर छह खरगोशों को सुपुर्दगी में ले लिया।

पशु-पक्षियों को कोच में लेकर यात्रा गैरकानूनी

ट्रेनों में जंगली जानवरों व पक्षियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं ले जाया जा सकता। इसके लिए मुख्य वन प्राणी संरक्षक अथवा जिला पशु पालन अधिकारी से अनुमति पत्र लेना होगा। भारतीय रेलवे जनरल मैनेजर, कामर्शियल की ओर से जारी गाइड लाइन के मुताबिक खरगोश व चूहे समेत अन्य जंगली जानवरों पक्षियों को ट्रेन में ले जाने के लिए मुख्य वन्य प्राणी संरक्षक अथवा जिला पशु पालन अधिकारी का अनुमति पत्र संबंधित रेलवे स्टेशन के असिस्टेंट कॉमर्शियल मैनेजर, चीफ पार्सल ऑफिसर व चीफ गुड्स क्लर्क के पास जमा करना होगा। बिना अनुमति पत्र के इन्हें नहीं ले जाया जा सकेगा।