झांसी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के स्ट्राइड (स्कीम फॉर ट्रांसडिसिप्लिनरी रिसर्च फॉर इंडिआस डेवलपिंग इकॉनमी) कॉम्पोनेन्ट एक के तहत बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को प्राप्त परियोजना के अंतर्गत रीसेंट ट्रेंड्स इन ट्रांसडीस्किलिनार्य रिसर्च फॉर सोसाइकोनोमिक डेवलपमेंट ऑफ़ इंडिया विषय पर आयोजित कराये जा रहे दो दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय कांफ्रेंस का शुभारम्भ 29 दिसंबर को इनोवेशन सेंटर में  कुलपति प्रो. जे.वी. वैशम्पायन की अध्यक्षता में किया गया I केंद्रीय औषधि अनुसन्धान केंद्र लखनऊ के पूर्व उपनिदेशक प्रो. प्रदीप कुमार श्रीवास्तव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम के आरम्भ में स्ट्राइड के संयोजक प्रो. एम्.एम्. सिंह द्वारा प्रतिभागियों का स्वागत किया गया। समन्वयक डॉ. लवकुश द्विवेदी द्वारा स्ट्राइड प्रोग्राम व कांफ्रेंस के विभिन्न थीम्स के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति द्वारा आज के दौर में शुद्ध वैज्ञानिक शोध से ऊपर उठकर ट्रांसडिसिप्लिनरी शोध की आवश्यकता पर बल दिया। बाद में मुख्य अतिथि प्रो. श्रीवास्तव ने बायोइन्स्पायर्ड इंजीनियरिंग विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया और प्रकृति में विभिन्न जीव जंतुओं द्वारा अपने अंदर लाये गए परिवर्तनों से सीख लेकर नयी टेक्नोलॉजीज के विकास पर प्रकाश डाला गया I 29 से 30 दिसंबर तक चलने वाले उक्त प्रोग्राम में एग्रीकल्चर, फॉरेंसिक साइंस, फिजियोलॉजी, फ़ूड साइंस टेक्नोलॉजी, एप्लाइड साइंस आदि विषयों से पांच विभिन्न थीम्स पर २० से अधिक प्रतिभागियों द्वारा अपने शोध कार्यों को प्रस्तुत किया जायेगा। एग्रीकल्चरल अप्प्रोचेस पर आयोजित कांफेरेंस के पहले सत्र में एमिटी विश्विद्यालय लखनऊ की आमंत्रित वक्ता डॉ. प्राची श्रीवास्तव द्वारा कृषि के क्षेत्र में बायो-इन्फार्मेटिक्स के समावेश पर जोर दिया गया। इस सत्र में विभिन्न शोधार्थियों द्वारा कुल पांच शोध पत्र प्रस्तुत किये गए। सत्र की अध्यक्षता इंडियन ग्रासलैंड एंड फोडर रिसर्च इंस्टिट्यूट झाँसी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. कृष्ण कुमार द्विवेदी द्वारा की गयी I
दवाइयों के प्रभाव को बढ़ाने के लिए फार्मेसी और रसायन विज्ञान के समायोजन पर आयोजित कांफ्रेंस के दूसरे सत्र में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के आमंत्रित वक्ता प्रो. विनोद कुमार तिवारी द्वारा ऑनलाइन व्याख्यान दिया गया। इस सत्र में थीम से सम्बंधित तीन शोधकर्ताओं द्वारा अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये गए। फार्मेसी संस्थान बु.वि.वि. परिसर के सह आचार्य डॉ. पीयूष भरद्वाज द्वारा सत्र की अध्यक्षता की गयी I
कांफ्रेंस के दूसरे दिन जियोलाजिकल, फॉरेंसिक, और फिजियोलॉजिकल शोध कार्यों पर तीन सत्र आयोजित किये जायेंगे, इस दौरान नायफ अरब विश्वविद्यालय सऊदी अरब के आमंत्रित वक्ता डॉ. सचिल कुमार, वि. वि. परिसर के प्रो. एम्.एम्. सिंह, डॉ. जे. पी यादव सहित कुल १५ शोधार्थियों द्वारा अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे I
कार्यक्रम के दौरान डॉ, मुकुल पस्तोर, श्री रोहित पियरडन, श्री धीरेन्द्र सिंह, श्री पंकज कुशवाहा आदि मौजूद रहे I मानव संसाधन एवं कौशल विकास के उद्देश्य के साथ शुरू किये गए इस त्रिवर्षीय परियोजना में लगभग 200 शिक्षकों, विद्यार्थियों, तथा शोधार्थियों को चार चरणों में प्रशिक्षण के माध्यम से, उत्तम शोध कार्य हेतु सक्षम बनाने की योजना है I