झांसी में आयुर्वेद योग व नेचुरोपैथी में अपार संभावनाएं –  मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश में योग व वैलनेस सेंटर पर्यटक केंद्र बनेंगे- मा0 मुख्यमंत्री जी

नवनियुक्त चिकित्साधिकारियों को सौंपे नियुक्ति पत्र

झांसी/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियों कान्फे्रन्सिंग के माध्यम से जनपद झांसी सहित प्रदेश में नवनियुक्त 1065 आयुर्वेद एवं होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरण, पदस्थापना व संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के पहले उ0प्र0 आयुष टेलीमेडिसीन का शुभारंभ व झांसी के 04 योग वैलनेस सेंटर सहित 142 योग वेलनेस सेन्टर का उद्घाटन भी किया। उन्होने कहा नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारी पूरी ईमानदारी व मेहनत से कार्य करें व शोध पर भी विषेष ध्यान दें। उन्होने कहा कि उ0प्र0 में योग व वेलनेस सेन्टर टूरिज्म डेसटीनेशन बनेगा। उन्होने बताया कि गत 25 वर्षों में यह सबसे बड़ी नियुक्तियां है।
मुख्यमंत्री ने वीडियों कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारियों में से चन्दौली, गोरखपुर, मथुरा व महोबा के चिकित्सा अधिकारियों से संवाद किया। उन्होने सबसे उनकी योग्यता व उन्होने क्या कोर्स किये है इसकी जानकारी ली तथा सभी को बधाई देते हुये कहा कि वह सभी पूरी मेहनत व ईमानदारी से कार्य करें और शोध पर भी ध्यान दें। उन्होंने ने कहा कि भारतीय ऋषि परंपरा में पीपल व बरगद को देवतुल्य माना गया है। उन्होने कहा कि आयुर्वेद काढे़ को प्राचीन समय से ही उपयोगी माना गया है। उन्होने कहा कि कोई घर ऐसा नहीं जहां हल्दी, हींग व अदरक का उपयोग न होता हो। उन्होने कहा कि भारतवर्ष में यह प्राचीन काल से ही उपयोग में लाये जा रहे है। उन्होनेे कहा कि पूर्व में हमे इनका उपयोग करने पर पिछडा हुआ माना जाता था लेकिन आज पूरे विश्व ने इसकी उपयोगिता देखी है व इसकी मांग पूरी दुनिया में हो रही है। उन्होने कहा कि कोरोना काल खंड में भारत की परम्परागत चिकित्सा पद्धति के उपयोग को दुनिया ने माना है और आयुर्वेद की मांग हर स्तर पर हो रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि उन्होने अपने प्रधानमंत्री काल में आयुष मंत्रालय का गठन किया तथा देश को प्रथम आयुष विश्वविद्यालय दिया जो कि दिल्ली में स्थापित है। उन्होने कहा कि देश का पहला सर्जन आयुर्वेद से ही था। आयुर्वेद परंपरागत चिकित्सा पद्धति रही है तथा आयुर्वेद काढ़े का उपयोग आयुर्वेद की पद्धति में हजारो सालो से उपयोग में किया जा रहा है। उन्होने कहा कि दादी के नुस्खों में भी इसका इस्तेमाल होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद, योग व नेचुरोपैथी में अपार संभावनाएं है। उन्होने कहा कि होम्योपैथिक विद्या भी प्लांट पर आधारित है। उन्होने नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि केन्द्र व राज्य ने उन पर भरोसा किया है। उन्होने कहा कि वह कार्यों को मिशन मोड में लेकर करें। उन्होने बताया कि गत 25 वर्षों में यह सबसे बडी नियुक्तियां है। उन्होने इसके लिए उ0प्र0 लोक सेवा आयोग की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उ0प्र0 में योग व वेलनेस सेन्टर टूरिज्म डेसटीनेशन बनेगा। इसलिए सभी इस पर कार्य करें। उन्होने कहा कि योग एवं व्यायाम में एक सामान्य मूलभूत अंतर होता है। उन्होने कहा कि आयुर्वेद व योग के साथ जुडना बड़ा पवित्र कार्य है। उन्होने कहा कि आपके आसपास औषधियों का भंडार छुपा है उसको पहचानने व उसको उपयोग सही तरीके से करने की आवश्यकता है।
जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने कार्यक्रम के दौरान जन प्रतिनिधियों को जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में 05 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति हुई है जिसमें डॉ आशीष पटेल, डॉक्टर अमित कुमार पुरोहित, डॉ नेहा चंद्सोरिया, डॉक्टर रामरतन यादव, डॉक्टर गरिमा सचान शामिल है। उन्होंने बताया कि आज मुख्यमंत्री द्वारा जनपद में 04 योग वैलनेस सेंटर का भी लोकार्पण हुआ जों राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय बड़ागांव, होम्योपैथिक चिकित्सालय लहरगिर्द, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बबीना, नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरा में संचालित होंगे।
इस मौके पर एनआईसी झांसी सेंटर में विधायक सदर रवि शर्मा, विधायक गरौठा जवाहर लाल राजपूत एवं जिलाधिकारी ने नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति प्रमाण पत्र वितरित किए। काा्यक्रम में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा0अरुणा शर्मा सहित होम्योपैथिक के चिकित्सक उपस्थित रहे।