झांसी। परमार्थ समाज सेवी संस्थान के 25 वर्ष पूर्ण होने पर जल संरक्षण एवं प्रबन्धन कार्यकर्ता सम्मेलन के उदघाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए आन्द्रा वामसी, जिलाधिकारी, झांसी ने कहा कि हमें आने वाली पीढियों के लिए जल संचयन करना है। इसके लिए सरकारी योजनाओं को आपस में जोडना होगा, बुन्देलखण्ड में जल संरचना से आपस मेें जुडी हुई थी, जो जल संरक्षण का बेहतर माॅडल है। इसी तर्ज पर हमें नहरों को आपस में जोडना होगा, उन्होंने आन्ध्रा के माॅडल की खुबियों को बताया  साथ ही उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जल संचयन प्रबन्धन के कार्य में आगे का आव्हान किया और पानी पंचायत का हिस्सा बनने की बात कही। कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि अपर जिलाधिकारी वी0 प्र्रसाद ने कहा कि परहित करना ही परमार्थ है। कोरोना काल में परमार्थ ने सेवा का बेहतर कार्य किया है। आनन्द मंत्रालय मध्य प्रदेश के वरिष्ठ सलाहकार सत्यप्रकाश आर्य ने कहा कि स्थाई विकास के लिए माॅडल निर्माण आवश्यक है जो टिकाऊ एवं कम खर्चीली हो। विश्व बैंक डब्ल्यू आर जी 2030 के उत्तर प्रदेश के सलाहकार डाॅ0 योगेश बन्धु ने कहा कि बुन्देलखण्ड की जल सहेलिओं के काम चर्चा राष्ट्रीय, अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है सरकार ने इस माॅडल का अपनाया है, बुन्देलखण्ड में वाटर बजटिंग करने की आवश्यकता है। इस पर क्षमता वृद्धि आवश्यक है। परमार्थ के प्रमुख डाॅ संजय सिंह ने कहा कि परमार्थ ने 25 वर्षो की यात्रा में चन्देलकालीन तालाबों के पुर्नजीवन,  बोरवेल्स रिचार्ज, सामुदायिक पोषण वाटिका एवं नदी पुर्नजीवन के कार्य के माॅडल प्रस्तुत किये है। परमार्थ के निदेशक अनिल सिंह ने पानी के विवेकपूर्ण उपयोग की बात कही। इस सम्मेलन मेें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश  के 11 जिलों के कार्यकर्ता उपस्थित हुये। संचालन डाॅ0 नईम, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय ने किया। संस्था के कोषाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि परमार्थ के द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में लगातार कार्य किया जा रहा है आगे भी संस्था अन्य सूखाग्रस्त क्षेत्रों में विस्तार किया जायेगा। इस सम्मेलन में मानवेन्द्र सिंह, शिवानी सिंह, संतोष कुमार, सतीश चन्द्र, सिद्धगोपाल सिंह, शिवमंगल सिंह, अमरदीप असाटी, महताब, डाॅ0 तरसेन सिंह, अरविन्द्र तिवारी, गजानन डोंग, सत्यम समेत 60 कार्यकर्ता उपस्थित रहे।