झांसी। मंडल रेल प्रबंधक संदीप माथुर ने बताया कि रेल प्रशासन द्वारा लोडिंग को बढ़ावा देने के लिए पीपीपी मॉडल पर गुड्स शेड अब दस वर्ष के लिए दिए जायेंगे। इसके लिए झांसी मंडल में कुछ गुड्स शेड चिन्हित कर लिए गए हैं। इस योजना में शेड लेने वाली प्राइवेट पार्टी की शेड के मेंटीनेंस की जिम्मेदारी होगी। माल लदान पर प्रत्येक रेक पर निश्चित धनराशि मिलेगी। मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि झांसी मंडल ने लोडिंग में पिछले वर्ष की तुलना में प्रगति कर रिकॉर्ड बना कर उपलब्धियां हासिल की है। उन्होंने बताया कि टीकमगढ़ में गुड्स शेड का प्रस्ताव भेजा गया है। फिलहाल वहां अस्थाई गुड्स शेड की व्यवस्था की गई है। यहां से फ़ूड ग्रेन की लोडिंग की जा रही है।

आधुनिक तकनीक से युक्त नया नियंत्रण कक्ष

उन्होंने बताया कि मंडल में थर्ड लाइन व दोहरीकरण को देखते हुए मुख्यालय पर डीआरएम आफिस में स्थित नियंत्रण कक्ष को आधुनिक तकनीक से विकसित करने की योजना है। इसके तहत नियंत्रण कक्ष के निकट स्थित वाहन स्टैंड को हटा कर वहां आधुनिक तकनीक से युक्त नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा। इसकी शुरुआत इसी माह से हो जाएगी। इसके अलावा पुराने नियंत्रण कक्ष को जरूरत के मुताबिक रिआर्गनाइज किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सीनियर रेलवे इंस्टीट्यूट में एक और पेवेलियन बनाने की योजना है।

गाड़ियों की समयबद्धता पर जोर

उन्होंने बताया कि गाड़ियों की समयबद्धता को सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए चैन पुलिंग व केटिल रन ओवर को गाड़ियों की समयबद्धता प्रभावित करने का जिम्मेदार ठहराते हुए बताया कि मंडल में ऐसे सेक्शन चिन्हित कर लिए गए हैं जहां सर्वाधिक चैन पुलिंग व केटिल रन ओवर हो रहे हैं। इन सेेक्शन में जाारूकता अभियान चलाये जाने के अलावा बेेेरिकेडिंंग की जा रही है।

सेफ्टी पर विशेष ध्यान

उन्होंने बताया कि मंडल में गाड़ियों की समयबद्धता के साथ सेफ्टी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके तहत सात लेबिल क््रासिंग गेट को क्लोज कर आरोपी/एलएचएस बना दिए गए हैं और चार पर काम चल रहा है। इससे सेफ्टी बढ़ेगी।

हाट एक्सल डिटेक्टर

उन्होंने बताया कि हाट एक्सल से दुर्घटना रोकने के लिए हाट एक्सल डिटेक्टर दिल्ली-झांसी रेेल मार्ग पर सीपरी बाजार रेल पुल के निकट लगायाा गया है। इससे अभी तक दो हाट एक््सल व 18 ब्रेेक बाइंंडिग की घटनाएं पकड़े जाने से दुर्घटना बच गई। उन्होंने बताया कि अब बीना-झांसी मार्ग पर बिजौली साइड में हाट एक्सल डिटेक्टर लगाएगा।

फायर डिटेक्शन सिस्टम

एसी कोच में आग लगने की घटनाएं रोकने के लिए फायर डिटेक्शन सिस्टम लगाया जा रहा है। इस सिस्टम को 13 कोच में लगा दिया गया है और अन्य में लगाया जा रहा है।

ट्रैक का अलायमेन्ट, इंटर लॉकिंग

उन्होंने बताया कि मंडल में आंतरी, खजुराहो, ओहन,  चित्रकूट के बीच ट्रैक के अलायमेन्ट में सुधार कर स्थाई समाधान निकाला गया है। इसके अलावा 6 स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटर लॉकिंग लगाई गई है। इससे गाड़ियों के संचालन को और गति मिलेगी।

झांसी-बबीना थर्ड लाइन

झांसी-बबीना सेक्शन में थर्ड लाइन तैयार हो गई है, सीआरएस की अनुमति का इंतजार है। सीआरएस की अनुमति फरवरी माह तक मिलने की उम्मीद है।