उत्तर प्रदेश की संस्कृति, पारम्परिक रीति-रिवाजों, गौरवशाली त्यौहारों व प्रथाओं को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया

झांसी। आज उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस समारोह ज़िला जन कल्याण महासमिति के तत्वावधान में धूमधाम से मनाया गया। देवभूमि उत्तर प्रदेश की समृद्ध संस्कृति, भारतीय पारंपरिक रीति रिवाजों, गौरवशाली त्यौहारों और प्रथाओं को जन जन तक पहुंचने वाले रंगकर्मियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में महासमिति के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ जितेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश वह पावन भूमि है, जहां हिन्दू समाज के कई देवी देवताओं ने जन्म लिया। यही से ऋग्वेद की उत्पत्ति हुई। साथ ही संपोइण विश्व के सबसे प्राचीन एवं धार्मिक ग्रंथ रामायण और महाभारत की रचना रचना भी यही से हुई। न सिर्फ कुम्भ बल्कि होली, मकर संक्रांति जैसे त्यौहार, जोकि सम्पूर्ण भारत वर्ष में हर्षोल्लास से मनाए जाते हैं, यहीं से प्रारम्भ हुए। यहां की लोक संगीत की परम्पराओं को भी दुनिया भर के लोगों ने सराहा है। इस अवसर पर रंगकर्मियों सहित अन्य लोगों को संकल्प दिलाया गया कि वह उत्तर प्रदेश के गौरवशाली इतिहास को जन जन तक पहुंचाए ताकि नई पीढ़ी को भी इससे प्रेरणा मिल सके। इस दौरान रंगकर्मियों ने नगर के कई स्थानों पर जाकर लोकगीत की प्रस्तुति दी। इससे पूर्व इन्हें प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन अब्दुल नोमान ने एवं आभार सतेंद्र कुमार तिवारी ने प्रकट किया। इस दौरान रामस्वरूप्प चक, माता प्रसाद, शील चन्द्र, ब्रह्मादीन बन्धु, स्नेहा कुमारी आदि मौजूद रहे।