– सहायक श्रमायुक्त केन्द्रीय न्यायालय में सुनवाई की तिथि बढ़ी
झांसी। उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ (यूएमआरकेएस) द्वारा न्यूनतम वेतन एक्ट में अनाधिकृत कटौती (एचआरए) के विरोध में सहायक श्रमायुक्त केन्द्रीय पर दायर वाद की सुनवाई पर आज झांसी मण्डल रेल प्रबन्धक एवं वरिष्ठ मण्डल कार्मिक अधिकारी हाजिर नहीं हुए। इसके कारण इस प्रकरण की सुनवाई की तिथि को सात फरवरी तक बढ़ा र सम्बन्धित अधिकारियों के उपस्थित रहने के सख्त निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि न्यूनतम वेतन एक्ट में अनाधिकृत कटौती (एचआरए) के विरोध में सहायक श्रमायुक्त केन्द्रीय पर वाद क्रमांक जेएचएस-20(01) आरके शर्मा अध्यक्ष उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ द्वारा विविध बिन्दुओं पर दायर किया गया है। इसमें झांसी में नियुक्त/स्थानान्तरण पर आने वाले कर्मचारियों का मकान भत्ता बिना मकान दिये जनवरी 2018 से बंद किया गया है, दोनों यूनियन (एनसीआरएमयू एवं एनसीआरइएस) के हस्ताक्षर से। रेलवे बोर्ड का पत्र 31 मार्च 2017 को वैधता समाप्त होने के बाद 11/2017 में गलत पॉलसी बनाने का विरोध, उपरोक्त आवासों का संयुक्त निरीक्षण नहीं करवाने, शाखा अधिकारियों द्वारा लिखित में दिया कि उनके पास कोई आवाास खाली नहीं है तब भी कार्मिक अधिकारियों द्वारा लगभग 500 रेल कर्मचारियों का विभिन्न विभाग जैसे डाटा, परिचालन, लोको, वाणि’य, विद्युत के कर्मचारियों का गैर कानूनी ढंग से एचआरए काटा गया है। आज (29 जनवरी) को सहायक श्रमायुक्त केन्द्रीय कर्यालय में इन बिन्दुओं पर सुनवाई के लिए मण्डल रेल प्रबन्धक व वरिष्ठ मण्डल कार्मिक अधिकारी को उपस्थित होना था। काफी इंतजार के बाद दोनों अधिकारी सुनवाई पर उपस्थित नहीं हुए। दोनों रेल अधिकारियों के उपस्थित न होने पर न्यायालय द्वारा उन्हें 7 फरवरी को उपस्थित होने का सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं।
इस प्रकरण को लेकर आज यूएमआरकेएस कार्यालय पर रेल प्रशासन द्वारा 24 जनवरी के पत्र पर विजयी होने पर हर्ष एवं अनाधिकृत कटौती पिछले माह के एरियर की मांग की। प्रशासन ने मकान खाली होने पर उसी केडर के कर्मचारी को दिया जाने का आदेश निकाला है। बताया गया कि सिथौली में दो आवास अधिकारियों के खाली पड़े हैं उन पर नियम लागू नहीं होने की मांग की। बैठक में अंकित श्रीवास्तव, एसके अग्रवाल, एसके अवस्थी, एसके शर्मा, अशोक यादव, दारा सिंह, गुबरेल आदि उपस्थित रहे। अध्यक्षता आरके शर्मा ने की।