– दोनों यात्री सुविधाओं का केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने किया था लोकार्पण
झांसी। उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मण्डल में भले ही यात्री सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है, किन्तु जल्दबाजी के चलते कई सुविधाएं शोपीस बन कर असुविधा बन गयी हैं, किन्तु किसी अधिकारी को इस पर चिन्ता नहीं है और लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी सुविधाएं यात्रियों से कोसों दूर हैं। इसका उदाहरण झांसी स्टेशन पर प्लेटफार्म नम्बर द ो/तीन पर लोकार्पित एस्कलेटर (स्वचालित सीढिय़ां) के बाद अब प्लेटफार्म नम्बर एक पर हाल ही मेें लोकार्पित लिफ्ट है। दोनों ही लोकार्पण के बाद से बंद पड़े हैं और यात्री इन सुविधाओं को देख कर राहत महसूस करते हैं।
दरअसल, विकलांग, असहाय, बुजुर्ग यात्रियों को प्लेटफार्म नम्बर एक से अन्य प्लेटफार्माें तक जाने-आने के लिए रेल प्रशासन द्वारा प्लेटफार्म नम्बर एक से दो-तीन, चार-पांच तक जाने आने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर फुट ओवर ब्रिज व प्लेटफार्म नम्बर एक पर एक्सलेटर स्थापित किया गया था। इसके बाद प्लेटफार्म नम्बर दो-तीन पर उतरने के लिए एक एक्सलेटर स्थापित किया गया। तीनों सुविधाओं का लोकार्पण केन्द्रीय मंत्री उमा भारती द्वारा किया गया था। लोकार्पण के बाद प्लेटफार्म नम्बर दो/तीन पर स्थापित एक्सलेटर चला ही नहीं। इसके पीछे डीआरएम का कहना था कि एक्सलेटर की देखरेख के लिए बजट नहीं होने से अतिरिक्त तकनीकी कर्मचारी की तैनाती नहीं की जा रही है। बजट के मिलने पर उसे सुचारू किया जाएगा।
अभी उक्त एक्सलेटर तो सुचारू नहीं हुआ, किन्तु प्लेटफार्म नम्बर एक पर एक्सलेटर के निकट रैम्प के साथ लिफ्ट लगा दी गयी। यह भी प्लेटफार्म नम्बर एक से फुट ओवर ब्रिज को जोड़ती हैं। लाखों रुपए खर्च कर शुरू की गयी दोनों सुविधाओं का लोकार्पण हाल ही में केन्द्रीय मंत्री उमा भारती द्वारा किया गया था। उन्होंने आश्वस्त किया था कि लिफ्ट बंद नहीं हेागी और बंद पड़ा एक्सलेटर भी चलेगा, किन्तु उनका आश्वासन कागजों में दब कर रह गया। न एक्सलेटर चला और न ही लिफ्ट। डीआरएम साहब फिर से देखरेख के लिए तकनीकि कर्मचारी की तैनाती के लिए बजट का रोना रो रहे हैं और जनता इन सुविधाओं की तमाशबीन बनी हुई है। जनता का सवाल है कि जब इन सुविधाओं की कार्ययोजना बनायी गयी थी तब इस ओर क्यों ध्यान नहीं दिया गया। इसके चलते जनता की कमाई के करोड़ों रुपए से स्थापित इन सुविधाओं के खराब होने की सम्भावनाएं बढ़ चली हैं।