लखनऊ / झांसी। जीएसटी चोरी रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने नई त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू की है। इसके तहत अब श्रेणियों में बांट कर ऑडिट कराया जाएगा, जिससे जीएसटी की चोरी को आसानी से पकड़ा जा सके। आयुक्त वाणिज्य कर अमृता सोनी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

गौरतलब है कि राज्य सरकार जीएसटी चोरी रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसीलिए त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू की गई है। ऑडिट के लिए तीन श्रेणियों में जोनों को बांटा गया है। श्रेणी-ए में गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद प्रथम व द्वितीय, कानपुर प्रथम व द्वितीय और लखनऊ प्रथम व द्वितीय रखा गया है। श्रेणी-बी में आगरा, अलीगढ़, बरेली, सहारनपुर, मुरादाबाद व मेरठ को रखा गया है। श्रेणी-सी में झांसी, गोरखपुर, अयोध्या, इटावा, वाराणसी प्रथम व द्वितीय और प्रयागराज को रखा गया है।

इसी तरह करदाताओं को भी तीन श्रेणीओं में बांटा गया है। श्रेणी-ए में तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। पहली श्रेणी में 40 करोड़, दूसरी में 15 से 40 करोड़ और तीसरी में 15 करोड़ तक के करदाताओं को रखा गया है। श्रेणी-बी में पहली में 25 करोड़, दूसरी में 10 से 15 करोड़ व तीसरी में 10 करोड़ तक के करदाताओं को रखा गया है। श्रेणी-सी में पहली में 15 करोड़, दूसरी में 5 से 15 करोड़ और तीसरी में पांच करोड़ तक के करदाताओं को रखा गया है। ऑडिट के दौरान वित्तीय वर्ष 2017-18 और 2018-19 के जीएसटी करदाताओं को शामिल किया जाएगा। श्रेणियों के आधार पर 12 बड़े करदाता, 18 मध्य करदाता और 30 छोटे करदाताओं को शामिल करते हुए जांच की जाएगी। बताया गया है कि जीएसटी चोरी पकड़ने के लिए ऑडिट इकाइयों के सहयोग के लिए जोनल एडीशनल कमिश्नर की अध्यक्षता में जोन स्तर पर एक जोनल ऑडिट रिव्यू कमेटी का गठन किया जाएगा। पहला चरण एक अप्रैल तक चलेगा और इसके बाद 31 मार्च 2022 तक ऑडिट किया जाएगा। जरूरत के आधार पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी जाकर जांच की जाएगी, लेकिन इसकी सूचना पहले से दी जाएगी।