जीएम ने उमरे पर संरक्षा, समय पालनता, माल लदान और मानव संसाधन विकास विषयों की समीक्षा की
प्रयागराज/झांसी। महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे विनय कुमार त्रिपाठी ने उत्तर मध्य रेलवे पर संरक्षा, समय पालनता, माललदान प्रदर्शन और मानव संसाधन विकास की स्थिति की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस बैठक में अपर महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे श्री रंजन यादव, संबंधित प्रमुख विभागाध्यक्ष, झांसी मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री संदीप माथुर सहित प्रयागराज और आगरा के मंडल रेल प्रबंधक सहित मुख्यालय और मंडलों के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। संरक्षा समीक्षा के दौरान, वैगन के दरवाजों को उचित तरीके से बंद करने और सुरक्षित करने के लिए बरती जाने वाली सावधानियां; समपार फाटकों पर पर्याप्त रोशनी; कार्यस्थल पर संरक्षा आदि विषयों पर चर्चा की गई।
महाप्रबंधक श्री त्रिपाठी ने जोर देकर कहा कि रनिंग लाइनों के पास काम करने वाली एजेंसियों द्वारा बहुत ही उच्च स्तर की संरक्षा बरती जानी चाहिए और सभी निर्धारित नियमों का बिना किसी अपवाद के पालन किया जाना चाहिए। रेलवे प्रणालियों की विश्वसनीयता, गाड़ियों की समय पालनता, माल लदान, राजस्व अर्जन आदि की स्थिति की भी समीक्षा की गई। महाप्रबंधक श्री त्रिपाठी ने कहा कि एसेट फेलियर की पुनरावृत्ति से बचने के लिए प्रत्येक विफलता के मूल कारण की विस्तार से जांच होनी चाहिए। इस दौरान झाँसी मंडल के ललितपुर-खजुराहो खंड में गति बढ़ाने की भी समीक्षा की गई। ट्रेनों की गति को मौजूदा 70 किलोमीटर प्रतिघंटा से 110 किलोमीटर प्रतिघंटा तक बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्य पहले ही पूरे हो चुके हैं और आवश्यक निरीक्षण और प्रमाणन के बाद सेक्शन की गति को जल्दी ही बढ़ा दिया जाएगा।
बुधवार की समीक्षा बैठक के नियमित एजेंडा आइटम के अलावा प्रमुख प्राथमिकता वाले कार्यों पर चर्चा की गई। ये कार्य गाड़ियों के संरक्षायुक्त और कुशल संचालन के लिए महत्वपूर्ण हैं और इनके समय पर पूरा होने से उत्तर मध्य रेलवे में ट्रेनों की गतिशीलता में और अधिक सुधार होगा। झांसी मंडल में झांसी-भीमसेन सेक्शन का दोहरीकरण, बबीना- झांसी तीसरी लाइन, झांसी-दतिया तीसरी लाइन, ललितपुर में रेल फ्लाईओवर, साइडिंगों का विद्युतीकरण आदि प्रमुख कार्य हैं। इन कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए, महाप्रबंधक त्रिपाठी ने जोर देकर कहा कि समग्र लक्ष्य की निगरानी के अलावा, महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए कार्यवार माइल स्टोन तैयार किया जाए, उसकी मॉनिटरिग की जाए और इनको पूरा किया जाए ताकि, इन महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना के कामों को जल्दी पूरा किया जा सके।