झांसी। झांसी में मेडिकल कॉलेज में गोरखपुर निवासी डॉ. प्रीति मिश्रा की कथित ज़हर से संदिग्ध मौत के मामले में सीबीसीआईडी ने जांच शुरू कर दी है।   दरअसल, सीबीसीआईडी के एडीजी एलवी एंटोनी देव कुमार ने झांसी आकर बृहस्पतिवार को घटना स्थल को देखकर प्रधानाचार्य, वार्डन और कई डॉक्टरों के बयान दर्ज किए।

गौरतलब है कि गोरखपुर के सहजनवां थाना अंतर्गत खानीपुरा निवासी रेलवे टेक्नीशियन देवेंद्र मिश्रा की बेटी प्रीति मिश्रा (26)  मेडिकल कॉलेज में एमडी (आयुर्विज्ञान चिकित्सक) की पढ़ाई कर रही थीं। वह मेडिकल कॉलेज के पीजी छात्रावास के रूम नंबर 69 में रहती थी। सितंबर 2016 की रात 10.52 बजे भाई अकुंर मिश्रा व मां उर्मिला मिश्रा से फोन पर बात करने के दौरान उन्होंने डायरिया होने की बात बताई थी। रात में ही मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी से इलाज कराने के बाद वह हॉस्टल पहुंच गई थी। अगले दिन साथी छात्राएं हॉस्टल पहुंची थी, यहां उनका कमरा नहीं खुला था। गेट तोड़कर अंदर जाकर देखा था तो वह पलंग पर मृत पड़ी थी और मुंह से झाग आ रहा था। सूचना पर नवाबाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शव का पोस्टमार्टम कराया था, किंतु हत्या व जहरीला पदार्थ मिलने की पुष्टि नहीं हुई थी। जांच पड़ताल में उसके कमरे से कोई भी सुसाइड नोट व संदिग्ध वस्तु नहीं मिल थी। इसके अलावा विसरा जांच रिपोर्ट में भी जहरीला पदार्थ नहीं मिला था। कहीं से भी हत्या की पुष्टि न होने के बाद पुलिस ने जांच को बंद कर दिया था।

इधर, मृतका के भाई अंकुर मिश्रा व मां उर्मिला ने षडयंत्र के तहत हत्या करने का आरोप लगाया था। कुछ दिन पहले परिजनों ने मुख्यमंत्री से मिलकर पूरा मामला उनके सामने उठाकर निष्पक्ष जांच की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री ने सीबीसीआईडी को जांच करने के निर्देश दिए थे।