झांसी। नेशनल इंस्टीट्शनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन.आई.आर.एफ.) शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग को विभाग में चल रहे पाठ्यक्रमों, उच्च शैक्षिक गुणवत्ता, शोध परियोजनाओं, पाठ्येत्तर गतिविधियों, विभागीय शिक्षकों की शैक्षिक योग्यता, उनके द्वारा किए शोध कार्य एवं प्राप्त अकादमिक पुरस्कारों के आधार पर पूरे भारतवर्ष में 68वीं रैंक प्रदान की गई है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए फार्मेसी विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. पीयूष भारद्वाज ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे. वी. वैशम्पायन के मार्ग निर्देशन एवं विश्वविद्यालय के आई.क्यू.ए.सी. सेेल के निदेशक प्रो. सुनील काबिया के सहयोग व परामर्श से विभाग को यह उपलब्धि प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर में फार्मेसी विभाग की स्थापना वर्ष 1999 में हुई थी। विभाग की स्थापना से लेकर अब तक विभाग ने अनेकों उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की है। उन्होने बताया कि विभाग में डी. फार्मा में 60 सीटें, बी. फार्मा में 100 सीटें, एम. फार्मा में 15 सीटें, फार्माकोगनोसी व 15 सीटें फार्मासियोटिक्स एवं पी-एच. डी. पाठ्यक्रम संचालित हैं। मेडिकल सेक्टर में बढती मांग के चलते फार्मेसी विभाग प्रारम्भ से ही शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की योग्यता एवं गुणवत्ता में समृद्ध रहा है। नेशनल इंस्टीट्शनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एन.आई.आर.एफ.) में विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग की रैंकिंग आने से यहां के विद्यार्थियो को पठन-पाठन एवं शोध तथा ंप्लेसमेण्ट मे और अधिक बेहतर अवसर प्राप्त होंगें।
विभागाध्यक्ष डाॅ. पीयूष भारद्वाज ने बताया कि विभाग की इस उपलब्धि में विभाग के वरिष्ठतम आचार्य प्रो. सुनील प्रजापति एवं पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ. संजय जैन का भी उल्लेखनीय योगदान है। उनका प्रयास रहेगा कि देश के प्रतिष्ठित संस्थान विद्यार्थियों के प्लेसमेण्ट एवं प्रशिक्षण हेतु विश्वविद्यालय आये। एन. आई. आर. एफ.रैंकिंग आने पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे. वी. वैशम्पायन ने आई. क्यू. ए. सी. निदेशक प्रो. सुनील काबिया, विभागाध्यक्ष डाॅ. पीयूष भारद्वाज तथा विभाग के समस्त शिक्षकों को बधाई देते हुए उनकी उत्तरोत्तर प्रगति की मंगलकामना की। विभाग की इस उपलब्धि पर विभागीय शिक्षकों एवं विद्यार्थियों में उल्लास ंरहा।