टूल डाउन समाप्त कराने का दबाव बनाने से भड़के कर्मचारी 

झांसी। रेलवे वैगन रिपेयर वर्कशॉप में टूल डाउन हड़ताल के चलते वर्कशॉप प्रशासन ने रात्रि पाली में काम शुरू कराने का दबाव सायं 7 बजे से कर्मचारियों पर बनाना शुरू कर दिया, किंतु आंदोलनकारी अड़े रहे। इस पर आरपीएफ व सिविल पुलिस ने बल प्रयोग कर आंदोलनकारियों को खदेड़ कर कुछ कर्मचारियों को पकड़वा लिया गया। इससे भड़के कर्मचारियों ने जबरन काम शुरू कराने का विरोध किया। इस दौरान जम कर लगे मजदूर मजदूर भाई भाई के नारे।

 

गुरुवार की रात वर्कशॉप प्रशासन की सख्ती के चलते कुछ कर्मचारियों को शेड में ले जाया गया। शेड में मशीनों को चालू करवा दिया गया ताकि टूल डाउन हड़ताल समाप्त हो जाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शाम को कारखाना प्रशासन के निर्देश पर आरपीएफ व सिविल पुलिस ने लाठीचार्ज कर धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को दौड़ाकर पीटा। इससे भगदड़ मच गई। कुछ कर्मचारियों को आपराधिक मामले में फंसाने के लिए हिरासत में ले लिया गया। इस घटनाक्रम के बाद कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि रात की पाली में स्टाफ कम रहने के कारण दबाव बन गया। 3 जून को आंदोलन जारी रहेगा।

आरपीएफ व सिविल पुलिस ने भांजी लाठियां 

बताया जा रहा है कि रात करीब आठ बजे वर्कशॉप अधिकारियों ने आंदोलनकारियों से वार्ता की और कुछ कर्मचारी काम पर वापस लौटने को राजी हो गये जबकि बहुसंख्य कर्मचारियों ने सीडब्ल्यूएम के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर वहां मौजूद आरपीएफ ने प्रदर्शनकारियों को वर्कशाप के बाहर खदेड़ दिया। बाहर निकल कर प्रदर्शनकारियों ने आरपीएफ पर पथराव कर दिया। इससे भगदड़ मच गई। हंगामे की सूचना मिलने पर थोड़ी देर में आरपीएफ कमांडेड आलोक कुमार एवं प्रेमनगर इंस्पेक्टर संजय शुक्ला भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने पथराव कर रहे लोगों को चारों ओर से घेर लिया। इसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज करके बाहर जमा कर्मचारियों को वहां से खदेड़ना शुरू किया। इससे कर्मचारी एक के ऊपर गिरते हुए वहां से भागने लगे। पुलिस कुछ कर्मचारियों को पकड़ कर थाने भी ले गई जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।