– पुलिस साइबर सेल ने लाखों रुपए हड़पने से बचाए

झांसी। साइबर अपराधियों से सतर्क रहने के लिए सरकार, बैंक, पुलिस सहित कई संस्थाएं लगातार जागरूक कर रहे हैं कि लोग अपना बैंक डिटेल किसी को न बताएं। इसके वाबजूद लोग शिकार बन रहे हैं। इसमें अनपढ़ ही नहीं पढ़े लिखे तक इस तरह की गलतियां कर एकाउंट साफ करा रहे हैं।
ऐसे ही दो मामलों जिनमें पीएसी जवान व केंद्रीय विद्यालय के एक शिक्षक ने साइबर अपराधी को अपना ओटीपी बता दिया और उनके बैंक एकाउंट से रुपये निकल गए। एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी ने बताया कि दोनों मामले संज्ञान में आते ही सायबर सेल टीम जांच में जुट गई। पीएसी जवान का खाता तत्काल होल्ड कराया गया जिससे 6 लाख 34 हजार रुपए का भुगतान रुकवा दिया गया। उन्होंने बताया इस जवान से अपराधी ने झांसा देकर ओटीपी मांगा था, इनके द्वारा ओटीपी देते ही उसने रुपये निकालने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन साइबर सेल टीम की सतर्कता से रुपये नहीं निकल पाए। वहीं दूसरे मामले में शिक्षक से बीएसएनएल सिम के सिलसिले में ओटीपी मांगी गई और 24 हजार 900-24 हजार 900 रुपए कर लगभग 1 लाख रुपए खाते से उड़ाए गए। इस मामले में भी साइबर सेल टीम ने ततपरता दिखाई और रुपये का भुगतान रुकवा दिया गया। अब दोनों माालों के रुपए वापस कराए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

बैंक डिटेल साझा नहीं करने की अपील एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी ने अपील की है कि वह लाटरी या इनाम के चक्कर में ओटीपी, बैंक डिटेल आदि बैंक खाते की निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें। गूगल पर किसी सर्विस प्रोवाइडर का नम्बर भी सर्च न करें। किसी प्रकार की दिक्कत होने पर सायबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www-cybercrime.gov.in एवं 9454409751 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

साइबर सेल टीम का सराहनीय काम एसएसपी दिनेश कुमार पी.के निर्देशन व एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी के पर्यवेक्षण में झांसी साइबर सेल सराहनीय काम कर रही है। टीम ने फरवरी माह में साइबर ठगों द्वारा फ़्रॉड की गई लगभग 9 लाख रुपये राशि पीड़ितों के खाते में वापस कराई है। साइबर टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर मोहम्मद नफीस कर रहे हैं। टीम में सब इंस्पेक्टर नीरज कुमार व कांस्टेबल भानु प्रताप सिंह आदि शामिल हैं।