– परिजनों ने पुलिस पर लगाये आरोप की सड़क जैम

झांसी। जनपद में चिरगांव के शराब कारोबारी के नौ मार्च को अपहरण के मामले में परिजनों ने जिसकी आशंका जताई थी, वह 12 मार्च को सही साबित हुई। चिरगांव पुलिस की धीमी कार्रवाई से अपहृत की जान चली गई और उसका शव उसी नहर में मिला जहां उसकी बाइक मिली थी। पुलिस की निष्क्रियता से परिजनों में गहरा आक्रोश व्याप्त है, गुस्साए लोगों ने रोड जाम कर प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि 9 मार्च को सायं चिरगांव के पहाड़ी चुंगी के पीछे निवासी मंशाराम शिवहरे बाइक से घर से निकला फिर वापस नहीं लौटा था। उनकी बाइक चिरगांव की छिरोना नहर के पास खड़ी मिली थी। उनकी पत्नी ने पुलिस को तहरीर देकर अपहरण व हत्या की आशंका जताते हुए अनिल शिवहरे, अतुल यादव व विनोद शिवहरे पर आरोप लगाए थे। 24 घण्टे बाद भी जब मंशाराम का पता नहीं चला तो बड़ी संख्या में परिजनों ने एसएसपी कार्यालय आकर न्याय की गुहार लगाई। लेकिन पुलिस जांच के नाम पर हवा में हाथ पैर मारती रही, अपह्रत का कोई पता नहीं चला। 12 मार्च को उसी नहर में मंशाराम की लाश मिलने से हड़कम्प मच गया। परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस गम्भीरता से जांच करती तो मंशाराम की जान बच सकती थी। गुस्साए परिजनों का जाम लगाकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने आक्रोशित लोगों को समझा कर शांत किया।
इस मामले में पुलिस ने बताया कि नामजद आरोपियों को पकड़ कर पूछताछ की जा रही है। शव का पैनल के द्वारा पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।