झांसी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पाक्सो अधि० सहित बलात्कार )न्यायालय सं०9, नितेन्द्र कुमार की अदालत में किशोरी के साथ बलात्कार का आरोप सिद्ध होने पर अभियुक्त को दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई।
जानकारी देते हुए लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाहा ने बताया कि वादी मुकदमा ने थाना मऊरानीपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी पुत्री कक्षा 8 में अध्ययनरत थी । शासन की ओर से गावों में सिचाई हेतु कूपों का निर्माण उसके गांव में गनेश ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा था । 01 अगस्त 2011 को उसकी पुत्री( जन्म तिथि 08-03-1996) गयी थी, को गनेश यादव बहला फुसलाकर वहीं से भगाकर ले गया । शाम तक उसकी पुत्री स्कूल से वापिस नहीं आयी।उसकी पुत्री को भगानेश्रमें अखिलेश पुत्र आशाराम का भी हाथ है। तहरीर के आधार पर अभियुक्तगण गनेश व अखिलेश के विरुद्ध धारा 363, 366 भा० दं० सं० के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त गनेश यादव के विरुद्ध धारा 363, 366, 376 भा०दं० सं० के अंतर्गत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया । न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर न्यायालय में दोषसिद्ध अभियुक्त गनेश यादव को भा० द०सं० की धारा 363 के अपराध हेतु 3 वर्ष के सश्रम कारावास व पाँच हजार रूपये ,भा० द० सं० की धारा 366 के सिद्ध दोष अपराध हेतु 5 वर्ष के सश्रम कारावास व पाँच हजार रूपये, भा० द० सं० की धारा 376 के सिद्ध दोष अपराध हेतु 10 वर्ष के सश्रम कारावास व दस हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड अदा न किये जाने पर कमश छः , छः माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। पीड़िता की ओर से पैरवी रामबिहारी बिलगैया एड ने की।