झांसी। शहर के एक विवाह घर में मुस्लिम परिवार के विवाह समारोह में उस समय असहज स्थिति उत्पन्न हो गई जब शरअ़ के खिलाफ खड़े होकर खाना खाते देख कर शहर काजी ने निकाह पढ़ने से इंकार कर दिया और समारोह से लौट आए।
दरअसल, झांसी शहर काजी मोहम्मद मुफ्ती मोहम्मद साबिर साहब को निकाह पढ़ाने के लिए दावत दी गई थी। मुफ्ती साहब ने अपने नुमाइंदे कारी मोहम्मद हसीब साहब इमाम मस्जिद अहाता अब्दुल गनी इलाइट चौराहा झांसी को भेजकर इसकी इत्तिला दी
 कि अगर आपके यहां बारात बैंड बाजे से व खाना
 खड़े होकर और दहेज की नुमाइश होगी तो निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा। परिवार के लोगों ने कारी मोहम्मद हसीब साहब के सामने यह इकरार किया कि हम शादी में कोई खिलाफ शरअ़ काम नहीं करेंगे।
 शाम को शहर काजी मुफ्ती मोहम्मद साबिर साहब निकाह पढ़ाने पहुंचे तो देखा कि वहां पर खड़े होकर खाना खिलाया जा रहा है। इस पर नाराज होकर शहर काजी मुफ्ती मोहम्मद साबिर साहब ने निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया कारी हसीब साहब व बाकी शहर  उल्माए किराम ने उनके यहां शिरकत करने से भी इनकार कर दिया।
 बाद में परिवार के लोगों ने बरेली मकतब फिक्र के हाफिज हाजी मोहम्मद हाशिम इमाम जामा मस्जिद सराय से राब्ता किया। इस पर उन्होंने उसूलों ज़वाबित और मुआहदे कि खिलाफ निकाह पढ़ा। इस मामले में
झांसी के तमाम मकातिब ए फिक्र और अइम्मा ने गम और अफसोस का इजहार किया नीज़ कहा के निकाह ख्वान को इस तरह निकाह नहीं पढ़ाना चाहिए था
 मौलाना याकूब रिजवी साहब कारी अंसार साहब हाफिज मोहम्मद असद साहब सादिक बरकाती साहब खलील बरकाती साहब हाफिज नईम मुफ्ती मोहम्मद खालिद नदवी हाफिज शरीफ साहब व तमाम उल्मा ए किराम के इल्म में यह मामला है दुआ है कि अल्लाह तआला अपने फ़ज़ल से हम सबको सुन्नत पर अमल करना आसान फरमा दे।