पंचायत निर्वाचन में अलर्ट रहें मदिरा अनुज्ञापी, गड़बड़ी पर होगी कार्यवाही
झांसी। जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने विकास भवन सभागार में पंचायत निर्वाचन के दृष्टिगत जनपद के समस्त देशी शराब की दुकानों के अनुज्ञापियों को आबकारी अधिनियम आईपीसी व देशी शराब की फुटकर बिक्री के लिए अनुज्ञापनो का व्यवस्थापन नियमावली 2002 (यथासंशोधित) के दंडित प्रावधानों की प्रति संवेदनशील व जागरूक करते हुए कहा कि जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2021 सुचिता, शांतिपूर्ण और पारदर्शिता से संपन्न कराने के लिए प्रशासन कटिबद्ध है। उन्होंने कहा आप सभी प्रशासन का पूर्ण सहयोग दें।
 जिलाधिकारी ने कहा कि हाल ही में प्रदेश के कतिपय जिलों में विषाक्त मदिरा के सेवन से जनहानि की घटनाओं में देशी मदिरा की दुकानों के अनुज्ञापन विक्रेताओं की संलिप्तता पाई गई है। इस प्रकार के कृत्य जनपद में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने आबकारी अधिनियम की धारा 60क की जानकारी देते हुए कहा कि मादक पदार्थ को शराब या अन्य पदार्थ में मिश्रित कर विक्रय किया जाता है और जिसके सेवन से विकलांगता या मृत्यु होना संभावित है तो ऐसे कृत्य के लिए मृत्युदंड या आजीवन कारावास और जुर्माना जो रु 5 से 10 लाख तक का प्रावधान है। जिलाधिकारी ने अनुज्ञापियों से कहा कि अनुचित धनार्जन के उद्देश्य से अवैध शराब का अवैध रूप से निर्मित विषाक्त मदिरा की बिक्री करना या कराने की शिकायत प्राप्त होगी तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि अवैध /विषाक्त मदिरा की बिक्री/ निर्माण तथा मिलावट में किसी प्रकार से संलिप्त न हो, यदि ऐसा पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करते हुए लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।
 बैठक में जिला आबकारी अधिकारी प्रमोद कुमार गोयल ने अनुज्ञापियो से कहा कि यदि लाइसेंस प्राप्त परिसर में कैरामल, रंग, बारकोड, लेबिल कैप्सूल इत्यादि पाया जाता है या जलापमिश्रण पाया जाता है तो उसकी दुकान निरस्त की जाएगी और उस अनुज्ञापी को काली सूची में डाल दिया जाएगा। उन्होंने यह भी सलाह दी कि पंचायत निर्वाचन के दृष्टिगत निर्धारित मात्रा में ही मदिरा की बिक्री की जाए उससे अधिक ना हो यह अवश्य सुनिश्चित कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी अनुज्ञापी या विक्रेता आबकारी अनुज्ञापन की आड़ में अवैध रूप से निर्मित विषाक्त मदिरा के बिक्री करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध आबकारी अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कर दुकान का अनुज्ञापन निरस्त कर दिया जाएगा।