– परिजनों व रेल कर्मियों ने किया प्रदर्शन, पुलिस ने शांत किया
झांसी। उमरे झांसी मंडल रेल अस्पताल में भर्ती खेराडा के ट्रैक मैन राकेश कुमार की मौत पर परिजनों व रेल कर्मियों ने हंगामा व प्रदर्शन कर ओपीडी बंद करा दी। उन्होंने इलाज में डाक्टर की लापरवाही से मौत का आरोप लगाया और चिकित्सा पेपर व लाश दिलवाने की मांग की।
दरअसल, बांदा के निकट खेराडा स्टेशन पर तैनात ट्रैक मैन राकेश कुमार केे दांत में दर्द था। इसका इलाज बांदा में नहीं होने के कारण उसे रेलवे अस्पताल झांसी स्थानांतरित किया गया था। उसे 9 अप्रैल को झांसी रेलवे अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती किया गया था। इस दिन दोपहर में राकेश से उसका एक रिश्तेदार मिला और उसे फल दे गया। आरोप है कि सायं 4 बजे जब उसकी पत्नी शालनी मिलने आई तो उसे मिलने नहीं दिया गया। रात को बताया गया कि उसकी कोरोना जांच पॉजिटिव आने पर 4 बजे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल झांसी रेफर किया गया था। जिसकी वहां पर कोरोना के कारण डेथ हो गई। परिजनों ने आश्चर्य चकित हो बताया कि राकेश की महोबा में हुई जांच में रिपोर्ट निगेटिव थी। वह लोग मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो पता चला कि रेेेेलवेे अस्पताल से एम््बुलेंस सायं 6.35 बजे मेडिकल कॉलेज पहुंची थी। उन्होंने आरोप लगाया कि राकेश की रेेेेेेेलवे अस्पताल में सायं 4 बजे तक मौत हो गई थी, उन्हें लगातार गुुमराह किया गया। इसके बाद 10 अप्रैल को 9:00 उक्त ट्रैक मैन के परिजन रेलवे अस्पताल झांसी आए तथा रेलवे डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही से मौत का आरोप लगाते हुए हंंंंगामा कर दिया। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज से लाश नहीं दी जा रही है। इस दौरान अस्पताल एनसीआरईएस झांसी लोको शेड शाखा के अध्यक्ष सुभाष चंद्र के नेतृत्व में लगभग 20-25 कार्यकर्ता पहुंच गए एवं नारेबाजी करते हुए डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही से मौत का आरोप लगाया। सूचना मिलने पर आरपीएफ व सिविल पुलिस मौके पर पहुंच गई और परिजनों व रेेल कर्मियों को समझाया। इस पर 1:50 बजे एनसीआरईएस के कार्यकर्ता चले गए। बिलख रही पत्नी शालनी व परिजनों को समझा-बुझाकर लाश दिलवाने का आश्वासन देकर वापस भेज दिया गया। मौके पर आरपीएफ झांसी स्टेशन स्टॉफ, सिविल पुलिस एवं जीआरपी झांसी उपस्थित रहे।