अप्रशिक्षित/ नीम हकीम द्वारा संचालित नर्सिंग होम की टीम गठित कर जांच कर बंद किये जांए

झांसी। मंत्री जय प्रताप सिंह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण व मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश नें विकास भवन सभागार में कोविड-19 के बढ़ते केस की समीक्षा करते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा तेज है, इससे निपटने के लिए जरूरी है कि टेस्टिंग को बढ़ाया जाए, साथ ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में आने वालों की टेस्टिंग आरटीपीसीआर के माध्यम से 24 घंटे में करना सुनिश्चित करें, यदि ऐसा किया जाता है तो संक्रमण को तेजी से फैलने से रोका जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर अपेक्षाकृत अधिक तेज है, इससे निपटने के लिए वैक्सीनेशन को बढ़ाना है। 45 वर्ष से ऊपर के भी अधिक से अधिक व्यक्ति वैक्सीनेशन कराना प्रारंभ करें । हम अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल करके इस बीमारी से लड़े ताकि इसके प्रभाव को रोका जा सके। उन्होंने कोविड-19 में जिलाधिकारी के निर्देशन में जनपद में हुए कामों को सराहा। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि कोविड-19 से किसी की भी मौत ना हो, गंभीर मरीज के लिए दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है ।उन्होंने प्राइवेट नर्सिंग होम से जाना कि यदि कोई मरीज वेंटिलेटर पर है तो उसका इलाज कैसे करेंगे, क्या आपके पास विशेषज्ञ डॉक्टर हैं ? उन्होंने नर्सिंगहोम सहित समस्त सरकारी हॉस्पिटल में टेस्टिंग करने पर जोर दिया, साथ ही आरटीपीसीआर द्वारा जांच कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जरूरी हो तो टेस्टिंग टीम को पुनः प्रशिक्षित करें ताकि टेस्टिंग में सुधार हो सके। मास्क इंफोर्समेंट में तेजी लाएं। दो गज दूरी बहुत जरूरी का पालन हो। उन्होंने नर्सिंग होम एसोसिएशन द्वारा प्राप्त ज्ञापन के संबंध में निर्देश दिए कि अप्रशिक्षित /नीम हकीम द्वारा जो नर्सिंग होम संचालित किए जा रहे हैं उनकी टीम गठित कर जांच कराएं यदि गड़बड़ी मिले तो उन्हें बंद करने की कार्रवाई की जाए।

समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य आलोक कुमार ने मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी प्लान बना कर तैयार रखने के निर्देश दिए। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों से लगातार संवाद स्थापित करते हुए स्वास्थ की जानकारी ली जाए। उन्होंने कहा कि जनपद की टीम सचेत है, कोविड-19 के लिए अपडेट है, जो अच्छी बात है। प्रमुख सचिव ने ललितपुर जनपद से आने वाले आरटीपीसीआर सैंपल की जल्द जांच कर रिपोर्ट ललितपुर भेजे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ललितपुर के सैंपल को जांच हेतु लंबित ना रखें। उन्होंने कहा कि ऐसे नर्सिंग होम जहां बैड की संख्या अधिक है, वह एसजीपीजीआई से जुड़े ताकि ऐसे पेशेंट जो कोविड-19 के साथ अन्य बीमारियों से ग्रस्त हैं उनके उपचार की जानकारी ले सके। जिलाधिकारी ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जनपद में कोविड-19 की बिंदुवार जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए हमारी सारी तैयारियां हैं। जनपद में गरौठा, बड़ागांव, बरुआसागर, रानीपुर, मऊरानीपुर सहित कैंट हॉस्पिटल, नगर निगम आश्रय स्थल व पैरामेडिकल कॉलेज में लगभग 70-70 बेड के एल-1 हॉस्पिटल तैयार कर लिए गए हैं। रेलवे हॉस्पिटल व मिलेस्ट्री हॉस्पिटल को एल-2 की सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में 80 प्राइवेट नर्सिंग होम है जहां सभी आने वाले मरीजों की कोविड-19 की जांच एन्टीजन, ट्रूनेट व आरटीपीसीआर के माध्यम से शत-प्रतिशत कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि लगभग 16 नर्सिगहोम अपने यहां कोविड-19 पेशेंट के इलाज हेतु बेड आरक्षित करते हुए एल-2 सुविधाओं के साथ सशुल्क इलाज कर रहे हैं। नर्सिंग होम की संख्या में और बढ़ोत्तरी होगी, लगातार नर्सिंग होम के संचालक से बात की जा रही है। इस मौके पर मंडलायुक्त सुभाष चंद्र शर्मा, एसएसपी रोहन पी कनय, नोडल अधिकारी डॉक्टर ए के सिंह, सीडीओ शैलेष कुमार, एडी हेल्थ डॉक्टर अल्पना बरतारिया, सीएमओ डॉ जीके निगम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।