झांसी। बुन्देलखंड निर्माण मोर्चा के तत्वावधान में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से भेंट किया गया। ज्ञापन में कहा गया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोरौना वायरस से संक्रमित मरीजो के इलाज के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल्स की व्यवस्था की है जिसके लिए रेट्स भी तय कर दिए है।
आपका ध्यान पिछेड़े एवं बदहाल क्षेत्र बुन्देलखंड की ओर आकर्षित कराते हुए कहना चाहते है कि लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर, आगरा, मेरठ आदि शहरों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित रेट्स अधिक है पर बुन्देलखंड क्षेत्र के लिये तो अत्यधिक है। बुन्देलखंड पिछड़ा एवं गरीब क्षेत्र है तो इतना धन हम बुन्देलखंड वासी कहाँ से लाएंगे। सरकारों का स्वयं का रवैया कोरौना वायरस से संक्रमित मरीजो के इलाज के लिए दोषपूर्ण है। कहीं धरना हो रहा है तो कही रैली तो कही 4 लोगो के बाहर निकलने पर पाबंदी। जब कोरौना संक्रमण के मरीजो के इलाज के लिए दवा बनी ही नही है तो फिर आइसोलेशन के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए इतनी बड़ी धनराशि देने के लिए कहाँ से लाएंगे।
बुन्देलखंड निर्माण मोर्चा की मांग है कि सरकारी चिकित्सालय की भांति प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरौना वायरस से संक्रमितों के इलाज का खर्च स्वयं प्रदेश सरकारो को वहन करना चाहिए। महामारी के समय सरकारों का दायत्व होता है कि जनता के प्राण की रक्षा करे। सरकारी चिकित्सालयों में कहीं कही बेड समाप्त हो गए है या समाप्त होने की कगार पर है। लोग न चाहते हुए भी विवश्ता के कारण प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती होने को मजबूर है। सरकारी चिकिसालय बेड खाली नही होने की बात कह कर प्राइवेट अस्पताल जाने का कह रहे है।
सरकार को प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने वाले कोरौना के मरीजो के लिए सरकार की ओर से भुगतान किए जाने की घोषणा करनी चाहिये।
अस्पतालों में भर्ती हुए मरीजो के परिजनों को बीमारी की स्तिथि जानने का पूरा हक है। जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए अस्पतालों के बाहर हेल्प डेस्क बनवाई जाए जिससे अस्पतालों के बाहर अपने मरीज का हाल जानने में कोई परेशानी ना होने पाए। ज्ञापन देने वालो ने मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय, रघुराज शर्मा, गिरजा शंकर राय, कुँवर बहादुर आदिम, प्रभु कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।