– कोरोना काल में यूनिसेफ़ की सरकार के साथ अनूठी पहल 
– पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति जरूरतमंदों की दर्ज कर सकता है जानकारी
झांसी। कोविड के प्रसार के साथ ही मदद को बढ़ रहे हाथ के बीच यूनिसेफ़ ने सरकार के साथ मिलकर एक अनूठी पहल की है। यूनिसेफ़ द्वारा covid.upram.in नाम से एक पोर्टल बनाया गया है, जिसके माध्यम से लोगों की हरसंभव मदद की जाएगी। इसके लिए यूनिसेफ़ के माध्यम से हर जनपद में कोविड रिलीफ़ नाम का एक ग्रुप भी बनाया गया है, जिसमें ऐसे लोगों को जोड़ा जा रहा है जो जरूरतमंद को मदद पहुंचाने में आगे आ रहे है, क्योंकि पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति जरूरतमंद लोगों की जानकारी दर्ज कर सकता है।
स्टेट कन्सल्टेंट, अर्बन डेवलपमेंट, स्थानीय नगर निकाय निदेशालय (यूनिसेफ सहायतित) नंदिनी कृष्णा बताती हैं कि महामारी के समय यह देखा गया है कि बहुत से गैर सरकारी संगठन, एन. एस. एस., डॉक्टर, पत्रकार, व्यक्तिगत स्तर पर लोग, विभिन्न एसोसिएशन एवं अन्य लोग कोरोना पीड़ितों की सहायता करने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं। सरकार भी पूरा प्रयास कर रही है। अर्बन लोकल बॉडीज़ के डायरेकट्रेट एवं यूनिसेफ द्वारा एक सिटीजंस कनेक्ट ग्रुप की शुरुआत की गई हैं। जहां समाज और सरकार को जोड़ने की आवश्यकता पर काम किया जा रहा है ताकि इस महामारी का सामना करने के लिए सभी के प्रयासों को एक दिशा दी जा सके और सभी प्रभावित लोगों की सहायता आसानी से की  जा सके।
ग्रुप के उद्देश्य – शहरी मलिन बस्ती/ शहरी गरीब क्षेत्र में कोविड से प्रभावित ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाना है जिनको किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता है जैसे:- काउंसलिंग- ऑनलाइन/ टेलीफोनिक परामर्श देना (मानसिक एवं चिकित्सा संबंधी)। यदि किसी मरीज को दवा की आवश्यकता हो सकती है। उनको सरकारी व्यवस्था के माध्यम से उचित दवा उपलब्ध करवायी जा सके। यदि कोई व्यक्ति होम आइसोलेशन में है तो उसे उसके घर पर  सभी आवश्यक दवा तथा जांच के संसाधन भी सरकारी संस्थाओं की सहायता से उपलब्ध करवाना।
यदि किसी गम्भीर मरीज को अस्पताल में दाखिले की आवश्यकता हो, या अस्पताल में आक्सीजन, वेंटिलेटर या आईसीयू की जरूरत हो तो उन्हें उनकी बीमारी की गंभीरता को समझते हुए उचित संसाधन उपलब्ध करने में सहायता उपलब्ध करवाना।
कई लोग ऐसे होते हैं जो बीमार तो नहीं होते परंतु इस महामारी में उनकी रोजी रोटी छिन गई है। उनके पास खाने को भी नहीं है। ऐसे लोगों को चिन्हित करके किसी भी सरकारी योजनाओं से उनको जुड़वाने के उनकी मदद करना। तुरंत मदद के लिए सरकार द्वारा पहुंचाई जा रही खाद्य सामग्री, राशन या नगद जैसे स्वनिधि कार्यक्रम से जुड़वाने में मदद करवाना।
 मलिन बस्तियों में कई बच्चे अनाथ हो गए हैं। उनका चिह्नीकरण करवा कर सरकार द्वारा उपलब्ध योजना में उनको जुड़वाने में योगदान देना।
रणनीति
– प्रभावित व्यक्तियों की सूचना covid.upram.in पोर्टल के माध्यम से दिए गए फॉर्म में भरी जायेगी। यह फॉर्म बहुत ही साधारण है जिसमें व्यक्ति की जानकारी होगी। यह सूचना स्वयं से संकलित हो जायेगी।
– नगर निगम कंट्रोल रूम के नोडल अधिकारी को प्रतिदिन नियमित अंतराल पर लिंक के माध्यम से सभी सूचना साझा की जायेगी।
– नोडल अधिकारी के माध्यम से प्रभावित व्यक्ति की आवश्यकतानुसार सुविधा उसको बिना विलम्ब प्राप्त करवाने में मदद की जायेगी।
– सुविधाएं/सेवाएं उपलब्ध करवाये जाने के लिए
नगर निगम को प्राप्त हुई आवश्यकता से लगातार अवगत करवाना।
– निगरानी समितियों को और सक्रिय बनाने हेतु ग्रुप में शामिल उनके प्रतिनिधियों को आवश्यकता के प्रति याद दिलाते रहना।
– सेनिटाईजेशन की मांग आने पर एक दिन के भीतर कार्य करवाये जाने के लिए मांग करना
– प्रतिनिधियों को इस बात के लिए प्रेरित करना की वह बस्तियों में जाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए जागरुक करें।