अलीगढ़ में 22 मौतों के बाद दौड़ी सरकारी मशीनरी

झांसी। मिलावटी शराब से बड़ी संख्या में मौत होते ही पूरा प्रदेश अलर्ट मूड में चला जाता है और फिर शुरू हो जाती है मिलावटी शराब की चेकिंग, अवैध शराब का उत्पादन व जखीरेबाजी, बिक्री पर ताबड़तोड़ कार्रवाई के साथ शराब माफिया व प्रशासनिक अमला के बीच आंख मिचौली का खेल। माफिया कहीं का हो वह मीडिया की खबरों को देख कर कार्रवाई शुरू होने के पहले ही सतर्क हो जाता है नतीजतन कार्रवाई के परिणाम लगभग शून्य ही रहते हैं। आज़ भी यही हाल रहा। अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से 22 की मौत से मचे बवाल के बाद आनन-फानन में मिलावटी शराब की धरपकड़ हेतु हर जिले में आबकारी, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त टीमें दौड़़़ पड़ी। झांसी में भी दिनभर देेशी विदेशी मदिरा व बीयर की फुुटकर दुकानों पर तत्परता से मिलावटी माल व स्टाक की चैैैंकिग की जाती रही, किन्तु सबकुछ ठीक ठाक मिला। कहीं नहीं मिली मिलावटी शराब, बीयर। टीमें राहत की सांस लेकर वापस लौट गयीं। शौकीनों व दुकानदारोों ने भी राहत महसूस की। हालांकि कई जगह कच्ची शराब जरूर पकड़ी गई। फिलहाल यह अभियान सतत चलेगा का प्रश्न अनुत्तरित है।