– तीन डिवीजनों व उत्तर मध्य रेलवे  मुख्यालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ संरक्षा बैठक 
प्रयागराज/ झांसी। महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे व पूर्वोत्तर रेलवे विनय कुमार त्रिपाठी ने उत्तर मध्य रेलवे पर संरक्षा विषयों की समीक्षा की। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस बैठक में उत्तर मध्य रेलवे  के अपर महाप्रबंधक रंजन यादव, उत्तर मध्य रेलवे  के प्रमुख विभागाध्यक्ष और प्रयागराज, झांसी व आगरा मंडल के मंडल रेल प्रबंधक, मुख्यालय व मंडलों के अन्य अधिकारी शामिल हुए।
संरक्षा के संबंध में चर्चा करते हुए महाप्रबंधक ने कहा कि यदि किसी फेलियर को ठीक करने के बाद भी विफलता के कारण को निर्धारित करने के लिए विस्तृत जांच की जानी चाहिए और यदि किसी लापरवाही पता चलता है तो संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए। यह बात महाप्रबंधक ओएचई फेलियर के कारण प्रभावित हुई ट्रेनों की मोबिलिटी के संबंध में समीक्षा करते हुए कही।
कैटल रन ओवर के मामलों का विश्लेषण करते हुए, महाप्रबंधक ने निर्देश दिया कि जहां भी ट्रैक के किनारे चारदीवारी बनाई गई है, वहां किसी टूट-फूट या क्षति को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए क्योंकि इससे गलती से घुस जाने वाले मवेशी फंस सकते हैं और रेल परिचालन में व्यवधान का कारण बन सकते हैं ।
महाप्रबंधक ने सभी को आगे निर्देश दिया कि ट्रैक पर किसी भी तरह की स्पष्ट क्षति ना दिखाई देने के बावजूद भी ट्रेन चालक द्वारा किसी भी असामान्य बात की सूचना मिलने पर प्रक्रियाओं का पालन करते  समय कोई शॉर्ट कट नहीं होना चाहिए। महाप्रबंधक ने बल देकर कहा कि इस संबंध में जो ज्वाइंट प्रोसीजर ऑर्डर अस्तित्व में है, उनका पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए और प्रत्येक अधिकारी को अपनी भूमिका स्पष्ट होनी चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ट्रेन संचालन में कोई व्यवधान न होने पर भी कोई प्रक्रियागत चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक बार अनदेखी की गई चूक भविष्य में दुर्घटना के लिए एक खुला निमंत्रण है। इस पर जीरो टॉलरेंस की जरूरत है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को विफलता के मामलों में जांच की गति तेज करने को कहा। इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि आरोपित अधिकारी या जांच अधिकारियों के कोविड-19 से पीड़ित होने के कारण कुछ मामलों में गति धीमी हो गई है। मंडल रेल प्रबंधकों  ने महाप्रबंधक को आश्वास्त किया कि सभी लंबित जांच अब जल्द ही पूरी कर ली जाएंगी।
प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी एम.के.गुप्ता ने बताया कि अधिकारियों द्वारा संरक्षा निरीक्षण कोविड संबंधित प्रोटोकॉल के साथ फिर से शुरू कर दिए गए है। उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षित ट्रेन संचालन से संबंधित विभिन्न दिशा-निर्देशों और किसी भी असामान्य घटना  के मामले में पालन की जाने वाली प्रक्रिया को पुन: प्रेषित जाएगा और किसी भी शॉर्ट कट का सहारा लेने वाले कर्मियों पर कार्यवाही की जाएगी।
एक अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंस में, रेलवे ट्रैक के साथ चारदीवारी के निर्माण के मुद्दे पर प्रमुख मुख्य इंजीनियर उत्तर मध्य रेलवे एसके मिश्रा ने एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया और पलवल-बीना और दीन दयाल उपाध्याय -गाजियाबाद के दो प्रमुख रेल खंडों पर काम की प्रगति के संबंध में अवगत कराया। इस संदर्भ में महाप्रबंधक ने कहा कि 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों के लिए चारदीवारी का निर्माण एक पूर्वापेक्षा है और इसलिए इसमें शामिल सभी विषयों का जल्द से जल्द समाधान किया जाना चाहिए।
महाप्रबंधक ने आगामी मानसून के मद्देनजर उत्तर मध्य रेलवे  की तैयारियों की भी समीक्षा की। इस दौरान रोड अंडर ब्रिज  में जलभराव की समस्या के समाधान पर विशेष जोर दिया गया। प्रमुख मुख्य इंजीनियर  उत्तर मध्य रेलवे  ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से इस समस्या के समाधान के लिए युद्ध स्तर पर किए गए कार्यों की प्रगति को दिखाया। प्रमुख मुख्य इंजीनियर  ने बताया कि रेलवे अब ज्वाइंटों यानि रोड अंडर ब्रिज में पानी रिसने की संभावित साइट को सील करने के लिए हाइड्रो रिएक्टिव पीयू ग्राउटिंग की नवीनतम तकनीक अपना रहा है। इसके अलावा नाले व नालियों के निर्माण का कार्य भी हो रहा है। पिछले अनुभव के आधार पर काम किया जा रहा है और उम्मीद है कि समस्या का काफी हद तक समाधान किया जा सकेगा।