झांसी । जानलेवा हमले का आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या -2 विजय कुमार वर्मा प्रथम की अदालत में एक अभियुक्त को दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेन्द्र पांचाल के अनुसार ग्राम- बेरीसालपुरा निवासी वादी मुकदमा साहब सिंह पुत्र जमना प्रसाद ने थाना बरुआसागर में 09 नवंबर 2013 को लिखित तहरीर दी थी कि करीब पांच दिन पहले उसका नौकर जगत सिंह जानवर चराने जंगल मे गया था तो गांव के ही गोविन्द सिंह यादव पुत्र शिवचरन सिंह उसके नौकर को धमका रहा था कि जानवर मेरे खेत में क्यों आ गये हैं, वह नौकर को मारने पीटने पर आमादा हो गया था, उसने हस्तक्षेप कर नौकर को बचाया तो उससे दुश्मनी मानते हुए बोला कि नौकर को तो बाद में देखूंगा पहले तेरा इन्तजाम कर दूंगा। 09 नवंबर को समय करीब 12.30 बजे दिन में वह अपने दरवाजे पर बैठा था तभी गोविन्द सिंह, उसका पिता शिव चरन पुत्र पर्वत तथा गोविन्द सिंह का मामा जगदीश पुत्र रामचरन निवासी अतपेई थाना चिरगांव एक राय होकर आये और उसे गाली देते हुए बोले इसके बहुत दिमाग खराब है। इसको आज निपटा दो कि तभी गोविन्द सिंह ने तमंचा निकाला उसने घबराकर अपनी जान बचाने हेतु घर की तरफ भागना चाहा तभी गोविन्द सिंह ने जान से मारने की नियत से उसके ऊपर फायर कर दिया, फायर उसकी कनपटी में लगा जिससे वह लहूलुहान होकर गिर पड़ा कि तभी फायर की आवाज सुनकर कई लोग मौके पर आ गये। तब ये तीनो लोग मोटर साईकिल पर सवार होकर धमकी देते हुए भाग गये कि यदि उनके खिलाफ रिपोर्ट की तो जान से मार देंगे।

वादी मुकदमा साहब सिंह की तहरीर के आधार पर धारा 307,504,506 भादस के तहत अभियुक्तगण गोविन्द सिंह यादव, शिवचरन एवं जगदीश के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। मामले की विवेचना आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां दोषसिद्ध अभियुक्त गोविन्द सिंह यादव को धारा 307 भा०द०सं० में 10 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 35,000 रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास ,धारा- 504 भा०द०सं० में 2 वर्ष के कारावास तथा 5,000 रूपये के अर्थदण्ड , अर्थदण्ड अदा न करने पर दो माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा 506 भा०द०सं० में 5 वर्ष के कारावास तथा 10,000 रूपये के अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर पांच माह के अतिरिक्त कारावास, धारा 25 आयुध अधिनियम में 5 वर्ष के कारावास तथा 10,000 रूपये के अर्थदण्ड , अर्थदण्ड अदा न करने पर पांच माह के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गयी।

वादी व गवाहों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज करने का आदेश 

प्रकरण के वादी मुकदमा साहब सिंह, चक्षुदर्शी साक्षीगण पंचम सिंह, पप्पू उर्फ भूप सिंह, श्रीमती पुष्पा देवी द्वारा अपने बयानों से मुकरने पर न्यायालय ने सख्त रुख अख्तियार किया है। न्यायालय के समक्ष वादी द्वारा अभियुक्त गोविन्द सिंह के द्वारा घटना कारित न करना तथा चक्षुदर्शी साक्षीगण ने स्वयं को घटनास्थल पर मौजूद न होने की मिथ्या साक्ष्य दिए जाने पर न्यायालय ने उन्हें भी अपराधी मानते हुए वादी मुकदमा, चक्षुदर्शी साक्षी गणों के द्वारा न्यायालय के समक्ष मिथ्या साक्ष्य देने के अपराध का संज्ञान धारा-344 दं०प्र०सं० के प्रावधानों के अधीन लेते हुए उनके विरूद्ध धारा 344 दं०प्र०सं० का पृथक से प्रकरण दर्ज करने का आदेश भी दिया गया है।