झांसी। बीकेडी में कक्षा में प्रेम प्रसंग में दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या के बहुचर्चित मामले में प्रभारी सत्र न्यायाधीश विकास नागर द्वारा अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया।

जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव के अनुसार संजय कुमार गुर्जर ने रिपोर्ट पंजीकृत करायी थी कि उसका भतीजा हुक्मेन्द्र सिंह वर्तमान में बीकेडी में एम०ए० में अध्ययनरत है । २० फरवरी २१ को लगभग १२ बजे उससे मिलने जान पहचान के धीरज प्रताप सिंह आये और बोले कि वह अपनी ममेरी बहन सौम्या जो भतीजे की क्लासमेट है ,का खाना क्लास में दिलवा दें।  सौम्या सिंह को खाना लेने के लिए आवाज लगायी, जो क्लास में पहली पंक्ति में भतीजे के बगल में बैठी थी। भतीजे के पीछे की पंक्ति में बैठा उनका सहपाठी मंथन सिंह सेंगर जो भतीजे का सहपाठी व दोस्त है चिल्लाया और अपने दाहिने हाथ में तमंचा निकालकर भतीजे की तरफ यह कहते हुये कि मेरी प्रेमिका कृतिका त्रिवेदी को गुमराह करता है उससे मीठी-मीठी बातें करता है। आज दोनों को जिंदा नहीं छोडूगा कहते हुये फायर कर दिया जिस पर गोली भतीजे के सिर पर लगी और वह मेज पर लुढककर बेहोश हो गया । मंथन सिंह ने तमंचा लहराते हुये सभी को गोली मारने की धमकी दी और यह कहते हुये निकला कि कृतिका को भी गोली मार कर आता हूँ। भतीजे को इलाज हेतु मेडीकल कालेज ले गये, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बाद में पता चला कि मंथन सिंह सेंगर ने छात्रा कृतिका त्रिवेदी की भी उसके घर गोली मारकर हत्या कर दी है। उक्त तहरीर के आधार पर धारा ३०७,३०२ भाद०सं० का पंजीकृत हुआ। उक्त मामले में मंथन सिंह सेंगर पुत्र दिनेश सिंह मुहल्ला हर्ष मऊ रेलवे स्टेशन के पास थाना निवाडी जिला निवाडी म०प्र० द्वारा जमानत हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसका विरोध करते हुए डीजीसी ने कहा कि अपराध अत्यंत ही गंभीर प्रकृति का है, जिसमें आवेदक/ अभियुक्त को प्रतिभू पर मुक्त किया जाना न्यायसंगत नहीं है। जिस पर न्यायालय द्वारा उसका प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया।

हत्यारोपी को नहीं मिली जमानत

झांसी । रंजिशन हत्या के मामले में आरोपी द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र प्रभारी सत्र न्यायाधीश विकास नागर के न्यायालय में निरस्त कर दिया गया।जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव के अनुसार कालीचरन ने थाना मऊरानीपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि ११ अप्रैल २०२१ को वह व उसके पिता हरिदास, उसकी पत्नी श्रीमती लच्छि बाई व उसकी मां व उसकी बेटी घर पर थे। बेटा कौशल किशोर घर के अंदर से लघुशंका के लिए बाहर निकला उसी समय पहले से घात लगाये शोभित, मोहित, प्रेमनारायण अपने-अपने हाथों में कुल्हाड़ी तथा पन्नालाल व घनश्याम हाथों में लाठी लिये खड़े थे। जिन्हें पूर्व से उन लोगों से रंजिश थी। सभी कौशल किशोर को गाली-गलौज करने लगे। उसका पुत्र चिल्लाया। उसे बचाने के लिये वह व उसके पिता हरीदास दौड़कर पहुंचे तो सभी लोग उन लोगों पर टूट पड़े और जान से मार डालने की नियत से कुल्हाड़ियों से तावड़ तोड़ हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। पिता को सरकारी अस्पताल लाने पर मृत घोषित कर दिया। उसके पिता की हत्या कर दी गयी और वह लोग बच गये तथा उसे सिर पर कुल्हाड़ी की गंभीर चोट व शरीर पर व उसके बेटे के शरीर पर चोटें आयी हैं। धारा- १४७, १४८, १४९, ३०२, ३०७, ३२३, ५०४, ५०६ भाद०स०के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। उक्त मामले में आरोपी/ अभियुक्त शोभित पुत्र लालाराम का द्वारा प्रस्तुत प्रतिभू प्रार्थनापत्र निरस्त प्रभारी सत्र न्यायाधीश द्वारा निरस्त कर दिया गया।