सात दिवसीय शोध प्राविधि कार्यशाला में विषय चयन पर हुई चर्चा

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शोध क्षमता विकास कार्यक्रम के दूसरे दिन मुख्य अथिति डॉ. अंशुमाली शर्मा ने कहा कि शोध समाज की समस्या को समझने और उन्हें हल करने का सही राह दिखाता है.

कार्यक्रम के विशिष्ट अथिति डॉ अंशुमाली शर्मा ने अपने शुभारंभ वक्तव्यं में कहा कि  राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य ही समाज के साथ जुड़ कर आपसी सौहार्द्र एवं भाईचारे को बढ़ावा देना हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम के माध्यम से व्यक्तियों में ज्ञान ,समय एवं उनकी ऊर्जा को एक सकारात्मक नज़रिया प्राप्त होता हैं। जब कोरोना की वजह से लोग अपने घरों में बैठ कर समय का सकारात्मक उपयोग नही कर पा रहे वहाँ ऐसे कार्यक्रमों की भूमिका बहुत अहम हो जाती हैं। डॉ शर्मा के अनुसार डॉ मुन्ना तिवारी के नेतृत्व में बुन्देखण्ड में राष्ट्रीय सेवा योजना का दायरा आगे बढ़ा है उम्मीद है आगे भी ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से राष्ट्रीय सेवा योजना समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति तक सफलता पूर्वक अपने सामाजिक समरसता के मूल्यों को अस्थापित करने में सफल रहेगा।

कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के रूप में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग के प्रो. निमित चौधरी ने प्रतिभागियों को शोध विषय चयन करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के विषय में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि शोध का विषय चयन करने से पहले हमें उस क्षेत्र के बारे में अध्ययन करना जरुरी है जिससे शोध अंतराल को समझा जा सके। अध्यक्षता कर रहे डॉ मुन्ना तिवारी ने कहा कि बुन्देखण्ड विश्वविद्यालय के पंडित दीनदयाल उपयाध्य शोध पीठ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह कार्यक्रम शोध कर रहे विद्यार्थियों शोध में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों ,शिक्षकों के लिए अत्यंत उपयोगी है।कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में जब शिक्षण कार्य बाधित है तब ऐसे कार्यक्रमों की उपयोगिता महत्वपूर्ण हो जाती हैं। ऐसे अवसर बहुत कम मिलते जिसमे ऐसे व्याख्यान सुनने का अवसर प्राप्त हो जो कि मानस पटल पर एक गहरी छाप छोड़ जाते हैं। कार्यक्रम का संचालन शोध प्राविधि फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम डॉ. उमेश कुमार ने व आभार डॉ. श्वेता पाण्डेय ने व्यक्त किया। अतिथियों का स्वागत  डॉ शिल्पा मिश्रा ने किया।