झांसी। मुंहबोली बहन को धमकाकर हवस का शिकार बनाने के मामले में विशेष न्यायाधीश अनु.जाति और अनु. जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियिम सुयश प्रकाश श्रीवास्तव के न्यायालय में आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया।

लोक अभियोजक कैशवेन्द प्रताप सिंह व कपिल करौंलिया के अनुसार वादिनी मुकदमा ने थाना प्रेमनगर में नामजद अभियुक्त विक्की उर्फ विपिन यादव, ललित समाधिया एवं विजय सिंह यादव के विरूद्ध ०९ फरवरी २०२१ को रिपोर्ट पंजीकृत करायी थी कि विक्की उर्फ विपिन यादव उस को बहन मानता है व राखी बंधवाता था। ४ नवम्बर २० को वह उस के घर आया जब घरवाले शादी की खरीददारी करने बाजार गये हुए थे, घर के अकेला पाकर विक्की उर्फ विपिन ने तमंचा लगाकर उसके साथ गलत किया तथा वीडियो बना ली। विरोध किया तो इकलौते भाई को जान से मारने की धमकी दी तथा कहा कि किसी से भी कुछ कहा तो तेरे भाई, बाप को मारकर फिकवा दूंगा, विकी के शर्मनाक कृत्य से काफी आहत हुयी । १६ फरवरी २१ को सुबह विक्की व ललित समाधिया कार लेकर आए और एच. डी. एफ. सी बैंक इलाइट खाता बंद करवाने की कहकर ले गया। गाडी में बैठाते ही विक्की ने तमंचा तानते हुए उसको आगरा, दिल्ली, ग्वालियर, अहमदाबाद, गोवा, ऋषिकेश जबरदस्ती पुलिस से बचने के लिए घूमता रहा तथा लगातार उस के साथ जबरन बलात्कार करता रहा। विक्की की मदद टिकट बुक कराने आदि में ललित समाधिया करता था। उक्त मामले में अभियुक्त विक्की उर्फ विपिन यादव का जमानत प्रार्थनापत्र न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया।