– सांस्कृतिक विरासत का सम्मान जरूरी- डॉ. सीमा पांडेय

झांसी। “लोक कलाएँ भारतीय समाज की अनुपम विरासत हैं। किसी भी क्षेत्र में वहां की सभ्यता एवं सांस्कृतिक विरासत उस क्षेत्र की गरिमा को बढ़ाती है। असीम विरासत को अपने अन्दर समेटे बुन्देलखण्ड क्षेत्र कला-संस्कृति और साहित्य में हमेशा ही अग्रेतर रहा है। आधुनिकता के युग में भले ही परंपरागत कलाओं को समुचित स्थान ना मिल रहा हो पर इन कलाओं की बुनियाद इतनी मजबूत है कि यह आसानी से धूमिल नहीं हो सकती। उक्त वक्तव्य डॉ सीमा पाण्डेय, धर्मपत्नी मंडलायुक्त झांसी मंडल ने अपने बुंदेली चित्रकला प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर दिए। डॉ पाण्डेय ने कहा कि इन कलाओं को अक्षुण्य बनाये रखना सभी का नैतिक उत्तरदायित्व है।

बुंदेली चित्रकला को जियो टेंग मिले – कार्यक्रम की अध्यक्षा करते हुए डॉ रंजना वैशंपायन ने कहा कि बुंदेलखंड की धरती ना सिर्फ अपने शौर्य अपितु अपनी संस्कृति और संपदा के लिए भी जानी जाती है। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि बुंदेली चित्रकला को भी जल्द से जल्द जियो टैग दिलवाया जाए, जिससे बुंदेली संस्कृति को विश्व स्तर पर एक विशिष्ट पहचान मिल सके।

व्यापक प्रसार की जरूरत– झांसी रेंज के डी आई जी की पत्नी डॉ सुमन पुनिया के कहा कि बुंदेली संस्कृति के अनेक पक्ष मन को मोह लेते हैं, इनका व्यापक प्रसार किया जाना चाहिए।

अंतस की चेतना का विम्ब– डी एम झांसी की पत्नी वर्षा वामसी ने पेंटिंग को अंतस के चेतना का विम्ब बताया।*

अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रदर्शनी की संयोजक डॉ श्वेता पांडे ने बताया इस प्रदर्शनी में कुल 80 प्रविष्टियां आई थीं। इनमें से चयनित 50 चित्रकारों की पेंटिंग्स को प्रदर्शनी में लगाया गया। इस प्रदर्शनी में लगाई गई सभी पेंटिंग्स पूरी तरह से बुंदेली शैली पर ही आधारित हैं। समिति की संरक्षक डॉ नीति शास्त्री ने बताया कि मंडलायुक्त अजय शंकर पाण्डेय द्वारा बुंदेली संस्कृति, कला साहित्य और संपदा को संरक्षित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं यह प्रदर्शन उसी का एक हिस्सा है। अतिथियों को आभार सह संयोजक डॉ उमेश कुमार ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन शाश्वत सिंह द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष फिल्म अभिनेता राजा बुंदेला, ज्वाइंट डेवलोपमेन्ट कमिश्नर मिथिलेश सचान, मुख्य विकास अधिकारी झांसी शैलेश कुमार, राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ मुन्ना तिवारी, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के होटल प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो प्रतीक अग्रवाल, झांसी विकास प्राधिकरण के सर्वेश कुमार दीक्षित, मंडलीय परियोजना प्रबंधक आनंद चौबे तथा अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।