– कोविड से अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक के साथ साथ भावनात्मक सहयोग जरूरी : कमिश्नर
झांसी : कोविड से अनाथ हुए बच्चों की मदद लिए संचालित मुख्यमंत्री बाल योजना के अंतर्गत मिलने वाली मदद से अपनों के खोने के गम को तो दूर नहीं किया जा सकता लेकिन बच्ची के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए यह एक अच्छी पहल जरूर है। योजना ने बच्चों में यह भाव जरूर जगाया हैं कि इस वैश्विक महामारी में हम अकेले नहीं है। यह कहना है मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभार्थी बच्ची के मामा का, अपने पिता को पहले ही खो चुकी बच्ची ने कोविड काल में अपनी माँ को भी खो दिया।
ऐसे ही जनपद निवासी मोहन और सीता (बदला हुआ नाम) ने कोविड के समय पिता को खो दिया, परिवार की आर्थिक ज़िम्मेदारी पिता पर थी, उनके जाने के बाद माँ को होश ही नहीं रहता और आए दिन बीमार रहती है। ऐसे में योजना से आर्थिक मदद ने बड़ा सहारा दिया है। ऐसे कई उदाहरण आसपास मिल जाएंगे। कोविड काल में अपने माता-पिता दोनों या किसी एक को खोने वाले बच्चों को खोजने की कड़ी में मण्डल में 420 अनाथ बच्चों को खोजा गया है। इसमें 311 बच्चों की प्रोफ़ाइलिंग भी की जा चुकी है और 297 बच्चों के खातों में पैसा भेजा जा चुका है।
 गौरतलब है कि कोविड 19 महामारी में अपने माता पिता व अभिभावक को खोने वाले बच्चों की मदद के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है। इसके माध्यम से ऐसे बच्चों की खोज की जा रही है जिन्होने कोविड काल में अपने माता पिता दोनों या किसी एक को खोया हो। मंडलायुक्त के निर्देश के बाद मण्डल में 420 बच्चों को खोजा गया है, जिसमें 237 बच्चे झाँसी जनपद में, 198 ललितपुर में और 45 बच्चे जालौन में चिन्हित किए गए हैं।
मंडलायुक्त ने निर्देश दिया है कि कोविड महामारी में अनाथ हुए बच्चों की खोजा कर उन्हें उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों की खोज में गंभीरता दिखाई जाए ताकि कोई भी अनाथ बच्चा योजना से वंचित न रह जाए। आयुक्त ने कहा कि कोविड से अनाथ हुए बच्चों को न सिर्फ योजना का लाभ पहुँचाया जाए बल्कि उन्हें भावनात्मक सहयोग भी जरूरी है।
उन्होंने निर्देश दिया कि कोविड में जिन लोगों की मौत हुई है, उनके करीबियों से फोन के माध्यम से संपर्क कर अनाथ बच्चों की खोज की कार्यवाही करा ली जाए तथा पात्र लाभार्थियों को निर्धारित प्रारुप पर आवेदन संकलित करा लिए जाएँ। महिला कल्याण विभाग, झाँसी मण्डल के उपनिदेशक श्रवण कुमार गुप्ता ने कहा कि अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास हेतु संचालित उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ पहुंचाना मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाले बिंदुओं में शामिल है। लिहाजा इसे गंभीरता से लिया जाए।