– लूट की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने झोंकी ताकत
– रात में स्टेशनों पर डायल 112 गाड़ियों की तैनाती
– रेलवे ठेकेदारों की लेबर रडार पर
झांसी। 23 अगस्त की रात पुष्पक एक्सप्रेस और 24 अगस्त की रात पटना इंदौर एक्सप्रेस में महिलाओं के आभूषण लूट प्रकरण में अभी तक लुटेरों का पकड़ना तो दूर कोई सुराग हाथ नहीं लग सके हैं जबकि एसपी जीआरपी इमरान खान के निर्देशन में जीआरपी, सर्विलांस, एसटीएफ, आरपीएफ क्राइम ब्रांच की टीमें लुटेरों की तलाश में बड़ी ही शिद्दत के साथ लगी हुई है, किंतु तमाम कोशिशें नाकाम रही हैं। हालांकि जांच का दायरा अब घटना स्थलों के आसपास सिमटता नज़र आ रहा है और निशाने पर बड़ी गैंग के स्थान पर छुटभैए ऐसे अपराधी हैं जो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए छिनैती की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
इसके अलावा जीआरपी की प्राथमिकताओं में यह भी है कि कहीं इस तरह की वारदात की पुनरावृत्ति न हो जाए। इसके लिए सिविल पुलिस की डायल 112 गाड़ियों की उपस्थिति रात में छोटे स्टेशनों पर कर दी गई है ताकि सूचना मिलने पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
इधर, एसपी जीआरपी इमरान खान भी स्वीकारते हैं कि लगभग दस दिन में दस टीमों द्वारा बड़ी गहनता से जांच पड़ताल की गई पर सफलता नहीं मिल पाई है। जांच का सिलसिला जारी है और उस लाइन का इंतजार है जो अपराधियों तक पहुंचा दे। उन्होंने बताया कि पूर्व में हुई इस प्रकार या इससे मिलती-जुलती घटनाओं में प्रकाश में आए गिरोह का भी इसमें हाथ साबित नहीं हो पाया है। अभी यह भी तय नहीं हो पाया है कि 48 घंटे में पारीछा व सरसौखी स्टेशन पर वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश एक ही हैं या अलग-अलग गिरोह है। जांच पड़ताल का सर्वाधिक दारोमदार सर्विलांस पर है। हालांकि अभी तक सर्विलांस से की गई मोबाइल फोन नंबर्स की जांच का परिणाम भी शून्य रहा।
इस संभावना पर भी गौर करना शुरू कर दिया गया है कि जिस तरह से सिग्नल रेड कर छिनैती की गई उसमें सिग्नलिंग प्रणाली के जानकार का कहीं न कहीं हाथ ज़रूर हो सकता है। जांच के रडार पर लाइन पर काम करने या सिग्नल प्रणाली लगाने वाले ठेकेदार की लेबर भी है। यह लेबर वारदात में शामिल हो सकते हैं अथवा उनके अपराधियों से कनेक्शन हो सकते हैं। अपराधियों की पहचान के लिए उस लाइन के अवैध वेंडर्स से भी पूछताछ की जा सकती है। जांच पड़ताल का दायरा घटना स्थलों के आसपास के गांवों के छुटभैया बदमाशों के इर्द-गिर्द घूमता नज़र आ रहा है। इसके लिए स्थानीय सिविल पुलिस व उनके मुखबिर तंत्र की मदद ली जाएगी। यह भी पता करने की कोशिश की जायेगी कि लूट का माल कहां बिका है।
गौरतलब है कि 23 अगस्त की रात बदमाशों ने उरई सेक्शन के सरसौखी स्टेशन आउटर पर 09322 पटना इंदौर एक्सप्रेस की 3 महिला यात्रियों के साथ लूटपाट की थी। इस वारदात को अंजाम देने के लिए बदमाशों ने सिग्नल फेल करने के लिए सिक्का लगा कर व सिग्नल पर गीली मिट्टी लगाकर कपड़ा बांध दिया था। इस घटना में इंदौर के तुकोगंज निवासी दीपांशी तिवारी, पटना के सिरौनी निवासी अंजनी व बाराबंकी के हैदरगढ़ निवासी अनीता ने जीआरपी झांसी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तीनों महिलाओं के गले से बदमाश मंगलसूत्र छीन ले गए थे जबकि इस ट्रेन में आरपीएफ स्क्वायड तैनात था।
24 अगस्त की रात बदमाशों ने पुष्पक एक्सप्रेस को पारीछा होम सिग्नल पर रोक कर एक कोच की खिड़की से हाथ डालकर महिला यात्री माधुरी चौधरी के कान का झुमका लूट लिया था। यहां पर भी
बदमाशों ने ट्रेन को रोकने के लिए सिक्का लगा कर व सिग्नल पर गीली मिट्टी से लिपटा कपड़ा बांधा था। इस ट्रेन में जीआरपी स्क्वायड तैनात था।