कविता हमारे आसपास के परिवेश से आकार लेती है- रामकेश विजय
झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के तत्वावधान में चल रहे हिंदी सप्ताह के अंतर्गत आज स्वरचित कविता पाठ प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रांत सह संपर्क प्रमुख रामकेश विजय ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी भारत ही नहीं वरन विश्व की आधारभूत भाषा है, जिसकी लोकप्रियता संपूर्ण विश्व में है। हिंदी राष्ट्र को एकीकृत करने वाली भाषा है। भाषा केवल बोलने का माध्यम नहीं है बल्कि यह संस्कृति से हमारा परिचय कराती है।
विशिष्ट अतिथि पूर्व अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर देवेश निगम ने कहा कि कविता हमारे परिवेश से निकलती है। मनुष्य व्यक्तिगत जीवन को जैसा जीता है जो पढ़ता है समझता है देखता है उन्हीं को शब्दों का रूप देकर लयबद्ध तरीके से जन जन के सामने रखता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ पुनीत बिसारिया ने कहा कि हिंदी भारत माता के माथे की बिंदी है, जिसने संपूर्ण विश्व को अपने साहित्य और फिल्मों से सम्मोहित किया है। हाल ही में आई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा हिंदी का विकास और बेहतर ढंग से होगा। कार्यक्रम में निर्णायक के रूप में प्रख्यात गजलकार राजकुमार अंजुम, लोकभूषण पन्नालाल असर और और व्यंग्यकार देवेंद्र भारद्वाज रहे। प्रतियोगिता में 32 छात्रों ने अपनी भावपूर्ण कविताओं को निर्णायकों के सामने रखा। सायं काल में कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय परिसर में हिंदी श्रुतलेख प्रतियोगिता आयोजन किया गया, जिसमें रानी लक्ष्मीबाई पब्लिक स्कूल, सन इंटरनेशनल स्कूल, किडजी, सीकेसी स्कूल, ब्लू बेल्स, एसएफसी, दिल्ली पब्लिक स्कूल, केन्द्रीय विद्यालय आदि के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राजकीय महिला महाविद्यालय के सहायक अचार्य डॉ अजीत कुमार सिंह, समाज कार्य विभाग के डॉ मोहम्मद नईम, पत्रकारिता विभाग के डॉ कौशल त्रिपाठी, हिंदी विभाग के डॉ श्री हरि त्रिपाठी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन राजनीति विज्ञान की शिक्षिका रश्मि जोशी ने किया।
आज हिंदी दिवस के अवसर पर दोपहर एक बजे से हिंदी विभाग में माननीय कुलपति जी द्वारा विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा और दोपहर दो बजे से कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा जिसमें राजकुमार अंजुम, पन्नालाल असर, पंकज अभिराज, निहाल चन्द्र शिवहरे, साकेत सुमन चतुर्वेदी, तुक्कड़ जी, पीडी दुबे, निधि अग्रवाल, भगवान सिंह राही, अजय साहू समेत अनेक कवि अपनी कविताओं का पाठ करेंगे।













