झांसी। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाली निशुल्क सुविधाएं इस बार विद्यालय से न देकर इसके एवज में अभिभावकों के खाते में वजद दिया जाएगा, इसके लिये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डी बी टी) प्रक्रिया अपनायी जाएगी। इससे विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को डाटा फीडिंग कराने में अहम भूमिका निभानी है।साथ ही यह भी ध्यान रखना है कि बच्चों का सही विवरण दर्ज हो।
डीवीटी के माध्यम से अगले एक सप्ताह में पहले चरण की क़िस्त भी जारी की जानी है, लेकिन इस योजना का अभिभावकों को लाभ मिलने से पहले ही तैयारियां का विरोध शुरू हो गया है। बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रसकेन्द्र गौतम ने बीएसए को ज्ञापन देकर इस काम को बीआरसी स्तर पर तैनात कम्प्यूटर ऑपरेटर से कराने की मांग करते हुए कंहा कि बच्चे स्कूल आना शुरू हो चुके है ऐसे में शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। विभाग को यह ध्यान रखना चाहिये कि शिक्षक कोई बाबू नही है जो बाबू बाला काम करे, इसे बीआरसी स्तर पर कराया जाना चाहिये। विभाग अगर जबर्दस्ती जिम्मेदारी देता है तो बच्चो की पढ़ाई प्रभावित होगी।
इस अवसर पर महेश साहू, विपिन त्रिपाठी, हिमांशु, प्रदीप कुशवाहा, नीरज चाऊदा, रोहित निरंजन आदि उपस्थित रहे।