सूदखोर के इशारे पर खाकी की दबंगई से आक्रोश भड़का, आरपीएफ स्टाफ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए

झांसी। उमरे के झांसी विद्युत लोको शेड में शनिवार को उस समय आक्रोश फ़ैल गया जब सिविल पुलिस के दो वर्दीधारी बिना अनुमति के शेड में घुस गये और एक रेल कर्मी को जबरन पकड़ कर लें जाने लगे। रेल कर्मियों के विरोध व आक्रोश को देखते हुए पुलिस कर्मी शेड से निकल गये। इस प्रकरण में शेड के गेट पर तैनात आरपीएफ स्टाफ की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। घटना के पीछे सूदखोर की वसूली का मामला बताया जा रहा है। पीड़ित कर्मचारी इस सम्बंध में 22 सितम्बर को एसएसपी, आरपीएफ कमाण्डेंट व सीनियर डीईई को शिकायती पत्र भेज चुका है। यह पूरा मामला एसी लोको शेड के सीसीटीवी फुटेज में कैद है।

रेलवे के एसी लोको शेड में टैक्नीशियन प्रथम राजेन्द्र राय निवासी राय कालोनी भट्टागांव सदर बाजार दोपहर  लोको शेड में प्रवेश कर रहा था, तभी दो सिपाहियों ने पीछा कर उसे पकड़ने की कोशिश की। घबराकर भागे राजेन्द्र की टीशर्ट फट गई, वह दौड़कर शेड में अफसर के कमरे में घुस गया। यह दृश्य देखकर शेड में सनसनी फ़ैल गई। कर्मचारियों के एकत्रित होते देख कर गेट पर तैनात आरपीएफ कर्मी सुशील हरकत में आया और एक पुलिस कर्मी को रोक लिया, जबकि शेड में घुसे दूसरे सिपाही को कर्मचारियों ने विरोध कर वापस लौटने को मजबूर कर दिया। इस घटनाक्रम से भयभीत राजेन्द्र राय ने सीनियर डीईई मयंक शाडिल्य को चेम्बर में जाकर उन्हें बताया कि वह एक दबंग सूदखोर को रुपया ब्याज सहित दे चुका, फिर भी वह जबरन दबाव व जान से मारने की धमकी देकर आतंकित कर रहे हैं। 22 सितम्बर को उक्त आरोपियों ने दोपहर में अनधिकृत रूप से शेड के अंदर घुसकर मारपीट की थी। इसकी शिकायत उसने एसएसपी, आरपीएफ कमाण्डेंट व सीनियर डीईई से की थी। अब सूदखोर द्वारा पुलिस की मदद ली जा रही है। उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने व जान का खतरा है।सीनियर डीईई द्वारा इस मामले में असमर्थता व्यक्त की गई है। इस पर शेड में आक्रोश है और पुलिस कर्मियों द्वारा बिना अनुमति जबरन शेड से कर्मचारी को पकड़ने पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

कर्मचारियों का कहना है कि गेट पर तैनात आरपीएफ स्टाफ ने इस मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को क्यों नहीं दी। यदि कोई गंभीर घटना हो जाती तो उसका कौन जिम्मेदार होता। इतना ही नहीं जब आरपीएफ ने सिपाहियों ने रजिस्टर में इंट्री भरने को कहा, तो सिपाही गलत जानकारी दर्ज कराकर भाग निकले। इससे स्पष्ट है कि सिपाही बिना किसी मुकदमे के सूदखोर के इशारे पर अवैध रूप से रेल कर्मी को जबरन पकड़ कर लें जाने के थे।