– बुन्देलखण्ड के साहित्य के संकलन, संरक्षण, शोध एवं सम्पादन हेतु समर्पित होगी यह समिति
झाँसी। धन एवं संसाधनों के अभाव में बुन्देलखण्ड के किसी अच्छे साहित्यकार की कृतियाँ धूल-धूसरित न होने पायें, पांडुलिपियां संकलित, संरक्षित, प्रकाशित हों, बुंदेलखंड के साहित्य और साहित्यकारों पर शोध हों, उनकी कृतियों का प्रकाशन सुनिश्चित हो, पत्रिका और सम्मान की शुरुआत हो, इसके लिये आज मण्डलायुक्त डॉ. अजय शंकर पाण्डेय की पहल पर ‘बुन्देलखण्ड साहित्य उन्नयन समिति’ का गठन कर लिया गया है। यह समिति जीवित एवं दिवंगत साहित्यकारों की पाण्डुलिपियों को जुटाकर उनका प्रकाशन करायेगी। इन पाण्डुलिपियों को बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में अध्यक्ष डॉ. पुनीत बिसारिया के पास साहित्यकार या उनके परिजनों के द्वारा प्रकाशन के निमित्त जमा कराया जा सकता है। विशेषज्ञ साहित्यकारों की एक टीम इनके प्रकाशन पर अन्तिम निर्णय लेगी। बुन्देलखण्ड के राजनैतिक दलों के जन प्रतिनिधियों व समाज के विभिन्न वर्गों से गणमान्य जनों को भी समिति से जोड़ा जायेगा, ताकि उनके सुझावों के साथ-साथ शासन-प्रशासन के स्तर से भी साहित्य के उन्नयन में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सके। प्रदर्शनी, सेमिनार, शोध, संगोष्ठियों, कार्यशालाओं आदि के माध्यम से भी यहाँ के साहित्यकारों को लाभान्वित कराये जाने के प्रयास होंगे।
समिति के प्रमुख पदाधिकारियों में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. पुनीत बिसारिया को अध्यक्ष, साहित्यकार राजकुमार अंजुम को सचिव, निहाल चन्द्र शिवहरे और डॉ. वैभव गुप्त को उपाध्यक्ष,लोकभूषण पन्नालाल ‘असर’ और देवेन्द्र भारद्वाज को को संयुक्त सचिव, डॉ. कौशल त्रिपाठी को कोषाध्यक्ष,l इंजीनियर मधुर वर्मा को मीडिया प्रभारी, श्री रामशंकर भारती को आय व्यय निरीक्षक, श्री उस्मान ‘अश्क’ को सह संयुक्त सचिव तथा संजय राष्ट्रवादी, श्रीमती सुमन मिश्रा, डॉ. निधि अग्रवाल, अनिल दुबे, उरई से डॉ. संजय सिंघाल और ललितपुर से डॉ. सुधाकर उपाध्याय को सदस्य की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ दी गयी हैं। अध्यक्ष ने सभी से अपेक्षा की है कि समिति के सभी सदस्य मिलकर समिति के उद्देश्यों को सफल बनाने में अपनी महती भूमिका का निर्वहन करेंगे।