बेइज्जती से क्षुब्ध पूर्व बीडीसी ने मौत को गले लगाया

झांसी। जनपद के थाना चिरगांव क्षेत्र के ग्राम जरयाई में चबूतरे के विवाद में ग्राम प्रधान आदि से हुई बेइज्जती से क्षुब्ध होकर पूर्व बीडीसी ने खुदकुुशी कर ली। मरने से पहले उसने लिखे सुसाइड नोट में ग्राम प्रधान समेत सात लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई है। पुलिस ने मृतक के पुत्र की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
ग्राम जरयाई निवासी अभिषेक दांगी ने पुलिस को बताया कि उसके घर के सामने रहने वाले सड़क पर अवैध रूप से चबूतरा बना रहे थे। पिता देवेंद्र दांगी ने ऐसा करने से रोकते हुए कहा कि चबूतरा बनने से ट्रैक्टर नहीं निकल पाएगा, लेकिन विपक्षी नहीं माने। शिकायत करने पर पुलिस ने काम रुकवा दिया, किंतु विपक्षी फिर भी नहीं माने। रविवार की शाम को विपक्षियों ने फिर से चबूतरा बनाना शुरू कर दिया। पिता ने डायल 112 पर सूचना दी। फिर पुलिस मौके पर पहुंची तथा काम रुकवा दिया। इस पर विपक्षियों ने गाली गलौज की और कहा कि चबूतरा हर हाल में बनेगा। रात करीब आठ बजे फिर से चबूतरे पर काम शुरू कर दिया गया। इस बेइज्जती को पिता सह न सके। वह घर के अंदर गए और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी सुबह हुई। कमरे में सुसाइड नोट मिला। इसमें चबूतरे का पूरा जिक्र करते हुए आत्महत्या करने की बात कही गई थी। पत्र में मृतक ने ग्राम प्रधान रवींद्र दांगी समेत सात लोगों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।

मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि “उसने चबूतरे के मामले में स्टे लिया था। लेखपाल एवं दरोगा द्वारा कार्य रोक दिया गया था। आज फिर से आरोपियों ने काम शुरू कर दिया, तो थाने व लेखपाल के साथ ही 112 पर डायल किया, तो पुलिस आ गई और विपक्षियों से हाथ मिलाया। दोनों पक्षों से थाने आने के लिए कहा गया। पत्र में लिखा है कि पुलिस के सामने ही विपक्षियों ने उसके साथ गाली गलौज की, इसलिए मैंने मरने की सोच ली है। वह पूर्व में सपा से बीडीसी सदस्य रह चुका है, इसलिए प्रशासन ने साथ नहीं दिया। पत्र में लिखा है कि प्रशासन मेरी रक्षा तो कर नहीं पाया मेरे लड़के की रक्षा करे।” पुलिस ने तहरीर के आधार पर गोविंद सिंह दांगी, प्रदीप कुमार, भीष्म नारायण, अभिषेक , राजा दांगी, मिलन , रवींद्र दांगी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है ।