परीक्षा हो गई 70 कॉलेजों ने 5 हजार छात्रों की नहीं भेजी उपस्थिति

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय कैंपस और संबद्ध कॉलेजों के अनुत्तीर्ण छात्र छात्राओं को एक बार फिर से परीक्षा देने का मौका मिलेगा। हालांकि, किन विषयों की परीक्षा होनी है, यह निर्णय परीक्षा समिति लेगी। बीयू ने कमेटी की ज्यादातर सिफारिशों को भी प्रारंभिक तौर पर मंजूरी दे दी है। परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट द्वितीय और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों के लिए बीयू प्रशासन ने ये निर्णय लिया है।

गौरतलब है कि परीक्षा परिणाम को लेकर हंगामा, प्रदर्शन कर रहे अनुत्तीर्ण छात्रों के मामले में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कुलपति प्रो. जेवी वैशम्पायन ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि कमेटी ने बीयू प्रशासन से विचार कर निर्णय लेने की बात कही है। कुछ सिफारिशें भी की हैं। इसमें प्रैक्टिकल में भी कम से कम 33 फीसदी अंक देने का प्रावधान करना, स्नातक, परास्नातक के छात्र-छात्राओं की इंप्रूवमेंट, बैक पेपर की लिखित परीक्षा करना आदि शामिल है। वीसी ने बताया कि अंतिम निर्णय परीक्षा समिति लेगी। द्वितीय और तृतीय वर्ष की परीक्षा में फेल हुए विद्यार्थियों को फिर से परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। हालांकि, किन विषयों की परीक्षा होगी, ये परीक्षा समिति तय करेगी। जो छात्र फेल हुए हैं, यदि अगली कक्षा में प्रवेश के लिए मेरिट में आ रहे हैं तो रिजल्ट जारी होने तक उन्हें प्रवेश का मौका दिया जाएगा।

कुलपति ने मीडिया के समक्ष खुलासा किया कि 70 कॉलेज के पांच हजार से ज्यादा विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम उपस्थिति नहीं भेजने की वजह से रोक दिए थे। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि नोटिस के बाद भी 16 कॉलेजों के 1343 छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम उपस्थित न भेजने से रुके हैं। दो कॉलेजों ने पुरानी ओएमआर शीट पर परीक्षा करा दी है। उन्होंने इसे अराजकता बताया और कहा कि ऐसे कॉलेजों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। इस दौरान परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर, प्रवेश सेल समन्वयक प्रो. प्रतीक अग्रवाल, प्रो. एसके कटियार, डॉ. जेपी यादव, डॉ. दीपक तोमर मौजूद रहे।