– भारत रत्न कलाम साहब की याद में राजगढ़ में हुई काव्य संध्या
– कोरोना काल में दिवंगत हुए सभी महानुभावों को दी गई श्रद्दांजलि
झांसी । ललितपुर राजमार्ग पर राजगढ़ में भारत रत्न, मिसाइल मैन डा.ए पी जे अब्दुल कलाम के अलावा स्व.श्री संतोष सिंह यादव, ममता यादव, जयप्रकाश राय एंव कोरोना काल में दिवंगत हुए लोगो की याद में श्रद्दांजलि, सम्मान समारोह एंव काव्य संध्या का आयोजन किया गया। इसमें प्रख्यात कवि और शाइरों ने एक से बढ़ कर एक कलाम पेश कर श्रोताओं को वाह वाह करने पर मजबूर कर दिया कार्यक्रम देर तक चलता रहा।
झांसी मीडिया क्लव, कियांश ट्रेडर्स, विद्या मेडीकल,  सचान ट्रेडर्स के सयुंक्त तत्वावधान में राजगढ़ के पी एन बी ग्राउण्ड पर कार्यक्रम की अध्यक्षता ज्ञानदास रामायणी अ.भा.कथा व्यास ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डा.करन सिंह यादव पुलिस उपाधीक्षक /सहायक सेनानायक, 33 वी वाहनी पी ए सी झांसी, विशिष्ट अतिथी डा.मुहम्मद आफताब आलम, प्रो.डा.मुहम्मद नईम, जितेन्द्र त्रिपाठी ब्लॉक अध्यक्ष प्रा.शिक्षक संघ बबीना, झांसी मीडिया क्लव के अध्यक्ष मुकेश वर्मा, हिंदुस्थान न्यूज के पत्रकार महेश पटैरिया, बिजौली पार्षद आदर्श गुप्ता, भेल एटक यूनियन के महामंत्री सगीर अहमद, मनोनीत पार्षद उमाशंकर राय, पूर्व पार्षद वीरेन्द्र सिंह खटीक, वरिष्ठ पत्रकार दीपक त्रिपाठी बामौर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, एंव दीप प्रज्वलन कर किया। अतिथियों का स्वागत का कमेटी सद्स्यों द्वारा शाल, श्रीफल एवं बैज अलंकरण कर किया गया।  श्रद्दांजलि के तत्पश्चात लखनऊ से आई मोनिका मनु ने वाणी बंदना से कवि सम्मेलन का आगाज किया। कानपुर से आये बैभव दुवे ने अपने गीतों में किसानों की व्यथा का वर्णन कर कार्यक्रम को नई उंचाई दी, व्यंग्यकार हरनाथ सिंह चौहान ने आज के हालात पर एक से एक बढ़ कर एक व्यंग्य सुनाकर लोगों की तालियां बटोरी, डा.मकींन कौंचवी ने भरोसा कुछ नहीं कब कोन दे दगा किसको, जबान काटते देखा है हमने दांतों को… सुनाकर लोगों की वाहवाही लूटी। विदिशा से आये संतोष शर्मा सागर ने एक से बढ़कर एक हास्य व्यंग्य की रचनाओं से लोगों को गुदगुदाया अर्जुन सिंह चांद ने लश्कर भी तुम्हारा है सरदार तुम्हारा है। तुम झूंठ को सच लिखदो अखबार तुम्हारा है। पनवाड़वी से आये फीरोज हाश्मी ने अपनी गजलों और नज्मों से खूब तालियां बटोरी, हास्य व्यंग्य के कवि सत्यप्रकाश सत्य ने देश की राजनीति और आज के माहोल पल कटाक्ष करते हुए व्यंग्य सुनाकर लोगो को सोचने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम का संचालन आजाद “अंजान”एंव आभार श्री मलखान सिंह यादव ने व्यक्त किया।