झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) विमल प्रकाश आर्य की अदालत ने तहसीलदार पर जानलेवा हमले का दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त लेखपाल को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई और लेखपाल के बेटे को एक साल तक सदाचरण बनाए रखने के निर्देश दिए गए।     सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संतोष कुमार दोहरे ने बताया कि मऊरानीपुर तहसील के तत्कालीन तहसीलदार श्रीकृष्ण ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि 18 अगस्त 2015 को वह परिवार के साथ अपने आवास पर था। इसी बीच लेखपाल जमुना प्रसाद और उसका बेटा रवि बाबू उसके आवास में घुस आए और गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर लेखपाल ने जान से मारने की नीयत से दोनाली बंदूक से फायर कर दिया, जो मिस हो गया। इसके बाद लेखपाल ने लाठी से वार किया, जिससे हाथ में गंभीर चोटें आ गई थीं। अदालत ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद लेखपाल को पांच साल की जेल की सजा सुनाई। साथ ही जुर्माना भी लगाया। श्रीकृष्ण इन दिनों ललितपुर के महरौनी में तहसीलदार के पद पर तैनात हैं।