– अवैध कारोबारियों ने कई कैमरों की बदली दिशा, खराब कराए

झांसी। उमरे अंतर्गत झांसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर नजर रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के तहत लगाए गए सीसी टीवी कैमरे उपेक्षा व देखरेख के अभाव में शो पीस साबित हो रहे हैं। हालात यह है कि प्लेटफार्म पर अवैध कारोबार/वैंडिंग करने वालों ने कतिपय कैमरों की दिशा बदलवा दी गई है, कई महत्वपूर्ण स्पाट के कैमरे खराब करवा दिए गए हैं। इस स्थिति के चलते धड़ल्ले से अवैध कारोबार चल रहे हैं।

प्लेटफार्म पर लगे कई सीसी टीवी कैमरों के खराब होने का खुलासा हाल ही में उस समय हुआ जब प्लेटफार्म नंबर 6 पर भोपाल एंड की तरफ के एक पिलर के नीचे लगभग तीन माह की बच्ची को कोई लावारिस हालत में छोड़ कर रफूचक्कर हो गई/गया और वह और न बच्ची प्लेटफार्म की तीसरी आंख सीसी टीवी कैमरे की नजर में नहीं आयी। इसके पीछे प्लेटफार्म नंबर 6 लगे सीसी टीवी कैमरों का खराब होना प्रमुख कारण रहा। यदि केमरे सही होते तो बच्चे को छोड़ने वाला प्रकाश में आ जाता पर इसकी न आरपीएफ को चिंता है और न ही स्टेशन रखरखाव की जिम्मेदार संबंधित एजेंसी को।

कड़वा सच- काम किसी का श्रेय कोई और ले लेता

यह आश्चर्य जनक ही नहीं कड़वा सत्य भी है कि काम कोई करता है पर उसका श्रेय कोई और (आरपीएफ/जीआरपी) ले लेता है। हम यहां बात कर रहे प्लेटफार्म नंबर 6 पर पिछले दिनों लावारिस अवोध बच्ची के मिलने की। दरअसल, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के माध्यम से रेलवे चाइल्ड लाइन को उक्त बच्ची के लावारिस हालत में प्लेटफार्म नंबर 6 पर पड़े होने की सूचना मिली थी। चाइल्ड लाइन की टीम ने मौके पर पहुंच कर बच्ची को बरामद कर लिया। इसके बाद कानूनी खानापूर्ति के लिए उसे आरपीएफ स्टेशन पोस्ट पर ले जाया गया। बस यहीं से काम किसी का और श्रेय किसी का खेल शुरू हो गया। आनन-फानन में बच्ची के मिलने का श्रेय मेरी सहेली अभियान को दे दिया गया। रेलवे चाइल्ड लाइन टीम पूरे परिदृश्य से गायब हो गई। इस कड़वे सच की जांच पड़ताल होना चाहिए अन्यथा काम किसी का और श्रेय किसी को…. का फलसफा चलता रहेगा। यदि सीसी टीवी कैमरे ठीक होते तो यह गोरखधंधा पकड़ा जाता।