पीएनबी बैंक मैनेजर की शिकायत पर हुई कार्रवाई, निवाड़ी के जालसाज रडार पर

झांसी। झांसी की साइबर क्राइम पुलिस ने ऐसे साइबर अपराधियों को दबोच लिया है जो एटीएम मशीन को होल्ड कर रुपए निकाल लेते और फिर रुपए नहीं निकलने की बैंक में शिकायत पर रुपए वापस करा लेते थे। पुलिस ने ऐसे 7 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके पास से मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड बरामद किये हैं।

दरअसल, झांसी जिले की पंजाब नेशनल बैंक की फोर्ट शाखा प्रबंधक नरेन्द्र मोदी ने पुलिस से शिकायत करते हुए बताया कि कुछ लोगों ने एटीएम मशीन में रुपए फंसने की झूठी शिकायत करने के बाद तीन लाख रुपए निकाल कर ठगी की है। शिकायत को गम्भीरता से लेते साइबर क्राइम थाना प्रभारी रजनेश कुमार चौहान ने अपनी टीम के साथ छानबीन करते हुए साइबर अपराधियों की तलाश शुरु कर दी। जांच पड़ताल में टीम को सुराग मिले। साइबर क्राइम पुलिस टीम ने 7 साइबर अपराधियों को भगवंतपुरा बाइपास तिराहे के पास से पकड़ने में सफलता हासिल कर ली।

पकड़े गये साइबर अपराधियों को थाने लाया गया। जहां पूछतांछ में उन्होंने अपना नाम प्रिंस राजपूत निवासी ग्राम छोटा बेलमा थाना समथर, दशरथ निवासी नोटा थाना उल्दन, सत्यपाल निवासी ग्रामी हाटी नोटा थाना उल्दन, मोहित निवासी लुहारी थाना सकरार, सुमित निवासी मेन रोड थाना सकरार, संतराम कुशवाहा निवासी लुहारी थाना सकरार और अंकित यादव निवासी एसडीएम कालौनी बमरौली थाना मोंठ बताया। अपराधियों की कार्यप्रणाली की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक नगर विवेक त्रिपाठी ने बताया कि उक्त आरोपी पहले अपने मित्रों और सम्बधियों से उनके एटीएम कार्ड लालच देकर हासिल करते हैं। इसके बाद बैंक के एटीम में जाकर अपने पास से रुपए जमा करते है और कुछ समय बाद उन रुपयों को निकालते हैं। रुपए निकालते समय एटीएम मशीन के शटर को होल्ड कर रुपए निकालने के बाद शटर को हाथ से कुछ समय के लिए रोक कर रखते हैं। जिससे एटीएम मशीन में रुपए का लेन-देन अपूर्ण अंकित हो जाता है। इसके बाद उक्त अपराधी द्वारा अपूर्ण लेन-देन रुपए मशीन में फंस जाने की झूठी शिकायत बैंक के टोल फ्री नम्बर पर कॉल करके दर्ज कराते हैं।

उन्होंने बताया कि शिकायत दर्ज होने के बाद शिकायत के समाधान के लिए उतनी धनराशि खाते में पुनः वापस भेज दी जाती है। इस धनराशि को भी साइबर अपराधी शीघ्रता से निकाल लेते हैं। उन्होंने बताया कि पकड़े गये आरोपियों के खिलाफ सम्बधित धाराओं के तहत कार्यवाही की गई। वहीं पूछतांछ में पता चला है कि मप्र के सीमावर्ती जनपद निवाड़ी के कुछ गांव में काफी अधिक संख्या में युवा वर्ग के लड़के इसी तरह के फ्राड काम को अपना पेशा भी बनाए हैं। इन पर भी साइबर पुलिस की नजर है।