झांसी। कुछ दिनों पूर्व दुर्ग एक्सप्रेस में अग्नि काण्ड की घटना के बाद एक बार फिर से आग बुझाने का प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत महसूस की गई। इसी क्रम में रेल संरक्षा विभाग द्वारा झांसी रेलवे स्टेशन पर अग्नि शामक यंत्रों के प्रयोग द्वारा आग बुझाने का प्रशिक्षण दिया और आग लगने के कारणों तथा उनके प्रकार पर विस्तृत जानकारी दी गयी I इस दौरान उपस्थित यात्रियों, कुलियों, टिकट जांच कर्मी तथा क्रू स्टाफ को जागरूक कर बताया गया कि आक्सीजन, फ्यूल और ताप तीनों की उपस्थिति एक साथ होने पर आग लगती है I अगर तीनों में से एक चीज़ को अलग कर दिया जाए तो आग नहीं लगती है। अत: तीनों में से किसी एक चीज़ को समाप्त कर दिया जाये तो आग बुझ जाती है।

सहायक मंडल संरक्षा अधिकारी अनिल कुमार मिश्र द्वारा आग के तीन प्रकारों का विवरण देते हुए बताया गया की ठोस तत्वों में लगने वाली आग को A प्रकार की आग बताया गया, जिसमें मैटल को शामिल नहीं किया गया I द्रव्य पदार्थों में लगने वाली आग को B प्रकार की आग कहते हैं जैसे पेट्रोल, डीजल, गैस इत्यादि I विद्युत उपकरणों से लगने वाली आग को C प्रकार की आग कहते हैं I D प्रकार की आग उन तत्वों में लगने वाली होती है जो मैटल के कारण लगती है जैसे सोडियम, पोटेशियम, एल्युमीनियम आदि I

प्रशिक्षण के दौरान अलग-अलग प्रकार की आग प्रकरणों में उपयोग किये जाने वाले अग्नि शामकों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ठोस पदार्थ की आग को बुझाने हेतु पानी या रेत का प्रयोग करना चाहिए परन्तु पानी के उपयोग के समय साथ यह भी सुनिश्चित किया जाये के आग के निकट कोई विद्युत उपकरण उपलब्ध न हो I टाइप बी द्रव्य पदार्थों में लगने वाली आग को कार्बन डाई ऑक्साइड CO2 के माध्यम से बुझाया जा सकता है, इसी प्रकार टाइप सी प्रकार की आग को बुझाने हेतु ड्राई केमिकल पाउडर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए I टाइप डी प्रकार की आग हेतु पानी का प्रयोग किया जा सकता है I प्रशिक्षण के अंतर्गत सभी उपस्थित व्यक्तियों को आग बुझाने का डेमो भी दिया गया तथा आग को व्यवहारिक रूप से बुझाना सिखाया गया I इस अवसर पर संरक्षा सलाहकार नीलू कुमार, एस के अग्रवाल, आर के वर्मा एवं एस बी सिंह सहित अन्य पर्यवेक्षक, कर्मचारी, यात्री आदि उपस्थित रहे I